म्यूचुअल फंड की फ्लेक्सीकैप कैटेगरी (Flexicap Mutual Funds) ने पिछले 5 साल में औसतन 15.39 फीसदी का रिटर्न दिया है. यानि, अगर 5 साल पहले आपने इनमें एक लाख रुपये का निवेश किया होता तो आज ये बढ़कर 2 लाख रुपये हो चुके होतें – यानी 5 साल में दोगुना कमाई. वहीं, अगर 10,000 रुपये की SIP 5 साल पहले की होती तो लगभग 9 लाख रुपये जुटा चुके होते. इसी तरह की जोरदार कमाई कराने वाली इस कैटेगरी में एक और नई स्कीम आई है – ICICI प्रुडेंशियल फ्लेक्सीकैप फंड.
म्यूचुअल फंड निवेशकों कई शेयरों में निवेश करने का मौका देता है. शेयरों ही नहीं, अलग-अलग कैटेगरी में निवेश के लिए भी म्यूचुअल फंड का रास्ता अपनाया जा सकता है. सीधे शेयरों में निवेश करने के मुकाबले छोटी-छोटी SIP के जरिए हर महीने शेयरों के एक बास्केट में निवेश करने से जोखिम भी घटता है तो साथ ही उनकी खरीदारी पर औसत भाव का भी फायदा मिलता है. इन्हीं में से लोकप्रिय कैटेगरी है फ्लेक्सीकैप जहां अलग-अलग मार्केट कैप वाली कंपनियों में एक साथ निवेश का मौका होता है. फ्लेक्सीकैप कैटेगरी का एसेट अंडर मैनेजमेंट दिखाता है कि निवेशक इसमें कितनी दिलचस्पी दिखाते हैं.
म्यूचुअल फंड्स के एसोसिएशन AMFI के मुताबिक, मई 2021 तक कुल 25 फ्लेक्सीकैप फंड हैं. फ्लेक्सीकैप कैटेगरी में 1,130.48 करोड़ रुपये का निवेश मई महीने में आया है. मई अंत तक फ्लेक्सीकैप का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1,71,160.03 करोड़ रुपये है. नए फोलियो के लिहाज से भी फ्लेक्सीकैप में रुझान ज्यादा है.
फ्लेक्सीकैप कैटेगरी के फंड में किसी भी मार्केट कैप की कंपनी में कितना भी निवेश किया जा सकता है, ये निर्णय फंड मैनेजर लेगा. इस कैटेगरी के फंड में कम से कम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में होना चाहिए. ज्यादातर फंड्स जो पहले मल्टीकैप में थे वे शिफ्ट होकर फ्लेक्सीकैप हो गए.
ये न्यू फंड ऑफर 12 जुलाई तक खुला है. न्यू फंड ऑफर में फंड हाउस निवेशकों से पैसे जुटाकर शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज की खरीदारी करता है जिसके बाद NAV तय होती है. NAV और अलॉटमेंट के बाद फिर से निवेशक इसमें खरीदारी कर सकते हैं. NFO के दौरान इसमें न्यूनतम 5,000 रुपये का निवेश करना होगा. बाद में इसमें SIP के तौर पर भी कम रकम में निवेश कर सकेंगे. इस फंड में SIP पॉज करने का भी विकल्प होगा जिसके तहत निवेशक अधिकतम 3 महीनों के लिए अपनी SIP रोक सकते हैं.
स्कीम में STP यानी सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान की भी सुविधा है जिसके तहत आप फंड हाउस के किसी अन्य फंड इसमें तय अवधि पर पैसे ट्रांसफर कर निवेश कर सकें.
ध्यान रहे कि ये इक्विटी कैटेगरी का फंड है जिनमें जोखिम ज्यादा रहता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन फंड्स में लंबी अवधि के लिए ही निवेश करना चाहिए.
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