Capital Gain Bonds: आपको जमीन या प्रॉपर्टी बेचने से लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन हुआ है और आप टैक्स बचाना चाहते हैं, तो कैपिटल गेन बॉन्ड अच्छा विकल्प बन सकता है. कैपिटल गेन बॉन्ड को 54EC बॉन्ड भी कहते हैं. इसे दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कर से बचाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता हैं. कोई भी व्यक्ति और HUF के सदस्य 54EC बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. 54EC बॉन्ड सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां द्वारा जारी किए जाते है, इसलिए इन्हें सुरक्षित माना जाता है.
कौन से बॉन्ड सेक्शन 54EC के तहत टैक्स-छूट के लिए पात्र हैः
– Rural Electrification Corporation Limited (REC) – National Highway Authority of India (NHAI) – Power Finance Corporation Limited (PFC) – Indian Railway Finance Corporation Limited (IRFC)
रेटिंगः ऐसे बॉन्ड को AAA रेटिंग दिया गया है क्योंकि इसे इश्यू करने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा समर्थित किया गया है.
अवधिः कैपिटल गेन बॉन्ड 5 साल के लोक-इन अवधि के साथ आते हैं. 2018 से पहले यह अवधि 3 साल थी. यानी, आप 5 साल तक इसे रिडीम नहीं कर सकते हैं, मैच्योरिटी से पहले रिडीम कराने पर टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता.
निवेश की सीमाः एक बॉन्ड की कीमत 10,000 रूपये होती है, आप मिनिमम 1 बॉन्ड और मेक्सिमम 500 बॉन्ड (50 लाख रूपये) खरीद सकते हैं.
इंटरेस्ट रेटः पहले ऐसे बॉन्ड में सालाना 6% इंटरेस्ट रेट था, जिसे घटा कर 5% किया गया है.
कैपिटल गेन बॉन्ड में निवेश कैसे करेंः
ये बॉन्ड स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं हैं, इसलिए आप उन्हें जारीकर्ता द्वारा सीधे या तो डीमैट रूप में या भौतिक रूप में खरीद सकते हैं. आपको इश्यूअर कंपनी की वेबसाइट से इनका फॉर्म डाउनलोड करना पड़ता है और उसे जमा करवाना होता है. उनकी वेबसाइट पर अधिकृत ब्रोकर्स और बैंक की सूची दी गई है, जिनके जरिए भी इसमें निवेश कर सकते हैं. शहरों के सेंटर की सूची भी कंपनियों की वेबसाइट पर दी गई है, जहां जाकर इन्हें जमा करवा सकते हैं.
कैपिटल गेन बॉन्ड का टैक्स-बेनेफिटः
54EC बॉन्ड लोकप्रिय निवेश साधन हैं क्योंकि इसमें निवेश करने से निवेशक लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर कर कटौती का दावा कर सकते हैं. पूंजीगत संपत्ति को स्थानांतरित करने के 6 महीने के भीतर 54EC बॉन्ड में निवेश करने से आपको टैक्स-बेनेफिट मिलता है. ऐसे बॉन्ड में निवेश से आपको जो ब्याज मिलता है वह टैक्सेबल है, लेकिन उस पर कोई TDS नहीं काटा जाता और वेल्थ टैक्स में भी छूट है. आप अधिकतम 50 लाख रुपये तक छूट ले सकते है.
याद रखें, कर-छूट का लाभ उठाने के लिए अचल संपत्ति की बिक्री की तारीख से 6 महीने के भीतर निवेश किया जाना चाहिए. निवेश पर छूट केवल अचल संपत्ति (यानी भूमि या प्रॉपर्टी की बिक्री) की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के खिलाफ दी जाती है.
उदाहरणः मान लीजिए आपको पुरानी प्रॉपर्टी बेचने से 60 लाख रुपये मिले हैं, जिसमें इंडेक्सेशन बेनेफिट को गिनने के बाद 15 लाख रुपये का लोंग टर्म कैपिटल गेन हुआ है. यदि आप इस 15 लाख रुपये के गेन को किसी कैपिटल गेन बॉन्ड में 6 महीने के भीतर निवेश करते हैं तो आपको इस पर टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा.
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