Minor to Major Status: 18 साल से कम उम्र के अवयस्क अपने माता-पिता/अभिभावकों के माध्यम से म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर सकते हैं. ऐसे निवेश के मामलो में नाबालिग पहला और एकमात्र खाताधारक है और उसका प्रतिनिधित्व या तो एक प्राकृतिक अभिभावक (पिता/माता) या कानूनी अभिभावक (न्यायालय द्वारा नियुक्त) द्वारा किया जा सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि, नाबालिग के म्यूचुअल फंड फोलिओ में जॉइंट होल्डिंग की छूट नहीं है. माता-पिता उनके बच्चों के हायर एजूकेशन के लिए उनके नाम से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. यदि आपका इरादा ऐसा ही है तब तक ठीक है, लेकिन आप टैक्स बचाने के इरादे से ऐसा करना चाहते है तो गलत है, क्योंकि बच्चों के नाम से खुले म्यूचुअल फंड फोलियो में जो भी लाभ होता है उसे आपकी इनकम से ही जोड़ा जाता है.
नाबालिक कब होता है वयस्क
यदि प्राकृतिक अभिभावक द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है तो नाबालिग 18 वर्ष की आयु में वयस्कता प्राप्त करता है जबकि कानूनी अभिभावकों द्वारा प्रतिनिधित्व करने वाले 21 वर्ष की आयु में वयस्कता प्राप्त करते हैं.
वर्ना अकाउंट हो जाएगा सस्पेंडः
आमतौर पर म्यूचुअल फंड अभिभावक और नाबालिग को आवश्यक दस्तावेज जमा करने के लिए पहले से ही नोटिस भेजते हैं. यदि आप बच्चों के नाम से म्यूचुअल फंड में निवेश करते है, तो उनके वयस्क होने पर सबसे पहला काम उनका स्टेटस माइनर से मेजर में बदलने का करें. एक बार जब नाबालिग वयस्क हो जाता है, तो आपको एकमात्र खाताधारक की स्थिति को नाबालिग से वयस्क (मेजर) में बदलने के लिए आवेदन करना पडता है. ऐसा नहीं करने पर आपके सभी लेनदेन (SIP / SWP / STP) खाते सस्पेंड कर दिए जाएंगे.
आवेदन करने से पहले करे ये कामः
नाबालिग से बालिग में तब्दील करने के लिए आपको एक फॉर्म भरना पड़ता है, जिसे MAM कहते है. इसके साथ सारे डॉक्युमेंट्स जोड़ने पड़ते है. MAM एप्लीकेशन फॉर्म जमा करवाने से पहले म्यूचुअल फंड यूनिट होल्डर को पैन कार्ड के लिए आवेदन करके पैन कार्ड हासिल कर लेना चाहिए. केवाईसी प्रोसेस पूरी कर लेनी चाहिए. यदि माइनर का पहले से ही बैंक में अकाउंट है तो, वहां माइनर से मेजर का स्टेटस बदलने की प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए या माइनर से मेजर बनते ही तुरंत बैंक अकाउंट खुलवाना चाहिए और चेकबुक हासिल कर लेनी चाहिए.
इन दस्तावेज के साथ आवेदन जमा करेः
उपर बताए गए काम करने के बाद निवेशक को उसके म्यूचुअल फंड की एसेट मेनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास MAM फोर्म और दूसरे दस्तावेज जमा करवाने पड़ते है. MAM फॉर्म में आवेदक (जो माइनर से मेजर हुआ है) के हस्ताक्षर होने चाहिए और माता-पिता या गार्जियन के दस्तखत होने चाहिए. ये हस्ताक्षर का म्यूचुअल फंड के रिकॉर्ड में रखे हस्ताक्षर के साथ मिलना जरूरी है. आवेदक का पैन, केवाईसी फॉर्म, कैंसेल्ड चेक भी जमा करवाना जरूरी है. नोमिनेशन फॉर्म भरना ना भूले.
गार्जियन है तो क्या करना होगाः
यदि आप माइनर के गार्जियन हैं तो आपको बैंक अधिकारी द्वारा विधिवत सत्यापित किए गए नाबलिग के हस्ताक्षर के साथ माइनर से मेजर का स्टेटस अपडेट कराने के लिए आवेदन करना होगा. आवेदन के साथ बैंक खाता पंजीकरण फॉर्म और नाबालिग का केवाईसी भी जमा करना होगा.
वयस्क चुकाएगा टैक्सः
जब तक बच्चा नाबालिग हो, तब तक बच्चे के खाते से सभी आय और लाभ माता-पिता/अभिभावक की आय के अंतर्गत जोड़ दिए जाते है और माता-पिता/अभिभावक को उनके स्लेब के मुताबिक टैक्स का भुगतान करना होता है, लेकिन माइनोर से मेजर स्टेटस बदलने के बाद टैक्स के नियमों का पालन एकमात्र खातधारक (मेजर) को ही करना होगा. जिस वर्ष नाबालिग वयस्कता प्राप्त करता है, उसे एक अलग व्यक्ति के रूप में माना जाएगा और उस वर्ष में वह जितने महीनों के लिए मेजर है, उतने महीनों के लिए टैक्स का भुगतान करना होगा.
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