जब आप किसी म्यूच्युअल फंड में निवेश करते हैं तो आप देखते हैं कि उसके 1 साल या 5 साल के रिटर्न कैसे हैं. फंड का एक्सपेंस रेशियो कैसा है. फंड मैनेजर कौन है वगैरह. लेकिन, क्या आपने ध्यान दिया है कि जिस स्कीम में आप निवेश कर रहे हैं उस पोर्टफोलियो में कब-कब बदलाव हुए हैं. किसी भी फंड का पोर्टफोलियो एकसमान नहीं होता वो बदलता रहेता है. टर्नओवर रेशियो आपको ये बताता है कि पिछले एक साल में म्यूचुअल फंड का पोर्टफोलियो कितना बदला है.
1. पोर्टफोलियो टर्नओवर रेशियो म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो में होल्डिंग्स के उस हिस्से को दिखाता है, जिसमें एक निश्चित अवधि के दौरान बदलाव आया है.
2. पोर्टफोलियो टर्नओवर की गणना करने के लिए कुल परिसंपत्तियों के औसत से कुल खरीद या कुल बिक्री मूल्य, जो भी कम हो, में भाग दिया जाता है. इसे अमूमन 12 महीने की अवधि के लिए बताया जाता है.
इसको एक उदाहरण से समझें तो एक म्यूचुअल फंड का एवरेज AUM 1000 करोड़ रुपये का है. अब यदि फंड ने 1600 करोड़ रुपये की सिक्योरिटीज खरीदी हैं और 1000 करोड़ की सिक्योरिटीज को बेचा है, यहां पे सेल्स कि लागत कम है, तो उसको हमें ध्यान में लेना होगा. यानी 1,000 करोड़ को 1000 के एवरेज AUM से डिवाइड करने पर टर्नओवर रेशियो 1 यानी 100% मिलता है.
3. एक लो टर्नओवर रेशियो बताता है कि फंड मैनेजर अपनी स्टॉक खरीद के बारे में आश्वस्त है और लंबी अवधि के लिए इसे होल्ड करता है. इसका ये भी अर्थ है कि फंड मैनेजर को कंपनियों को चुनने में अपनी पसंद पर काफी ज्यादा भरोसा है. इसलिए इस तरह के फंड में लेनदेन की लागत कम होगी. इंडेक्स फंड में बहुत कम पोर्टफोलियो टर्नओवर होता है क्योंकि फंड मैनेजर एक ही शेयर और एक ही रेशियो में शेयर बाजार के इंडेक्स में निवेश करता है.
4. सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने में कॉस्ट शामिल होती है. जो फंड यानी आप को भुगतना पड़ता है. एक हाई पोर्टफोलियो टर्नओवर का मतलब निवेशक के लिए ऊंची कॉस्ट है और ये लंबे समय में रिटर्न पर असर डालती है. डायनेमिक एसेट एलोकेशन वाले फंड्स का खर्च अपेक्षाकृत ज्यादा होता है. एक हायर चर्न एक संकेत है कि फंड अंडरपरफॉर्म कर रहा है.
5. क्या किसी फंड का टर्नओवर रेशियो ज्यादा है तो उसे बुरा माना जाएगा? ऐसा बिलकुल नहीं है. अगर किसी म्यूचुअल फंड का टर्नओवर रेशियो ज्यादा है, लेकिन वो अच्छा रिटर्न दे रहा है और रिस्क पैरामीटर्स भी सही हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है. हालांकि, कम रिटर्न के साथ हाई टर्नओवर इस बात का संकेत है कि आपको म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो की समीक्षा करने की जरूरत है.
6. कुछ Sectors ऐसे भी हैं जिनमें बहुत ही कम Assets की जरूरत होती है इसलिए उस Sector के लिए ये Ratio ज्यादा होता है. इस वजह से हमेशा दो समान Sectors की कंपनियों के ही Assets Turnover Ratio की तुलना करनी चाहिए.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।