Home Loan Bond: हाउसिंग फाइनेंस कंपनी IIFL होम फाइनेंस ने होम लोन बॉन्ड (Home Loan Bond) इश्यू किए हैं.
कई लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर ये होम लोन बॉन्ड क्या है? टैक्सेशन के नजरिए से इसमें निवेश करना फायदे का सौदा बन सकता है या नहीं? आज हम यही बताने जा रहे हैं.
IIFL होम फाइनेंस कंपनी 87 महीने की मैच्योरिटी वाले इस बॉन्ड पर 10% रिटर्न दे रही है, जो बैंक एफडी और दूसरे फिक्स्ड मैच्योरिटी साधनों के मुकाबले काफी ज्यादा है.
6 जुलाई को मार्केट में लॉन्च किए गए IIFL होम फाइनेंस के होम लोन बॉन्ड एक तरह का नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) है, जिसका सबसे प्रचलित शब्द है बॉन्ड. इसकी पहली सीरीज 28 जुलाई तक ओपन है.
कंपनी ने एक NCD का भाव 1,000 रुपये रखा है. निवेशक मिनिमम 10,000 रुपये निवेश कर सकते हैं. यानि आपको कम से कम 10 बॉन्ड खरीदने होंगे.
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर विशाल शाह बताते हैं, “कंपनियां रिटेल इंवेस्टर से पैसे जुटाने के लिए कई विकल्प चुनती है, जिसमें से एक विकल्प है बॉन्ड. छह जुलाई को लॉन्च हुए विकल्प का नाम होम लोन बॉन्ड है.
क्योंकि कंपनी इन पैसों को इस्तेमाल होम लोन पोर्टफोलियो के विस्तरण के लिए करना चाहती है. बैंक एफडी के मुकाबले 10% इंटरेस्ट रेट अच्छा है. निवेशक को उनके डेट पोर्टफोलियो का केवल 5% इसमें निवेश करेना चाहिए.”
ये एक अन-सिक्योर्ड NCD है. यानि कंपनी डिफॉल्ट होती है, तो आपका पैसा डूबने का पूरा चान्स है. कंपनी ने इसके सामने कोई सिक्योरिटी नहीं रखी है. कंपनी के इश्यू को रेटिंग एजेंसी क्रिसिल से AA लांग-टर्म क्रेडिट रेटिंग मिला है.
Brickwork ने AA+ रेटिंग दिया है. क्रिसिल का रेटिंग स्टेबल है. वहीं, Brickwork का रेटिंग नेगेटिव आउटलुक दिखाता है. AA+ रेटिंग एक इंवेस्टमेंट ग्रेड है और मूलधन या इंटरेस्ट पेमेंट पर डिफॉल्ट होने की संभावना बहुत कम है, लेकिन भविष्य में कंपनी के परफॉर्मेंस के हिसाब से रेटिंग में बदलाव हो सकता है.
SEBI-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एड्वाइजर समीर शाह बताते हैं कि IIFL होम फाइनेंस छोटे शहरों के निचले और मध्यम इनकम ग्रुप के लोगों को फाइनेंस करती है.
कोरोना की वजह से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के होम लोन पोर्टफोलियो पर जो प्रभाव पड़ा है, वह अगले कुछ महीनों में हमारे सामने आएगा. इसलिए अभी के हालात देखते हुए ऐसे साधनों में निवेश करने से दूर रहना बेहतर है.
NCDs को भी फिक्स्ड इनकम के रूप में देखा जाता है. इसलिए जो इंटरेस्ट मिलेगा उसे ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज’ के तहत टैक्स काटा जाएगा.
ये बॉन्ड का लिस्टिंग BSE और NSE पर होगा. यदि आप ये बॉन्ड खरीदने के बाद मैच्योरिटी से पहले सेकंडरी मार्केट में बेचते हैं, तो होल्डिंग पीरियड के आधार पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा.
-क्रिसिल का AA क्रेडिट रेटिंग कहता है कि कंपनी के क्रेडिट डिफॉल्ट होने की संभावना बहुत कम है.
-10% का रेट बैंक FD के रेट के मुकाबले 4% से 5% अधिक है.
-ये केवल डीमेट रूप में इश्यू होता है, इसलिए TDS नहीं कटेगा.
-कंपनी प्रॉफिट और लोन पोर्टफोलियो हर साल वृद्धि कर रहा है.
-पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई रखना जरूरी है, इसलिए ऐसे साधनों में निवेश करना चाहिए, लेकिन रिस्क समझने के बाद.
निवेश क्यों नहीं करना चाहिएः
-अच्छी रेटिंग वाली DHFL और IL&FS का रेटिंग अचानक डाउनग्रेड हो गया था. यह जोखिम हमेशा मौजूद है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में ये जोखिम कम हुआ है.
-ये NCD “subordinated unsecured debt” है, यानि इसे कंपनी की किसी भी एसेट का समर्थन नहीं है. इसलिए ज्यादा जोखिम को कवर करने के लिए ज्यादा इंटरेस्ट रेट दिया जा रहा है. यदि कंपनी लिक्विडेशन में जाती है, तो छोटे निवेशको को पैसा बाद में मिलेगा.
-पिछले दो सालों में NPAs बढ़ा है और कोविड के बाद इसे लेकर चिंता भी बढ़ी है.
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