भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को नया बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड जारी किया है. 10 साल की परिपक्वता अवधि (मेज्योरिटी पीरियड) वाला यह बॉन्ड यह 2031 में मेच्योर होगा. सरकार ने इस बॉन्ड पर 6.10% के रिटर्न की पेशकश की है. यह रिटर्न सरकार द्वारा दिसंबर 2020 में जारी पिछले बॉन्ड के मुकाबले 25 आधार अंक यानी चौथाई फीसदी अधिक है.
यह बॉन्ड आरबीआई के बॉन्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के ‘वेन यूज्ड’ खंड के तहत जारी किया गया है और इसा रिटर्न भी उसी के स्तर पर निर्धारित किया जाएगा. नए 10-वर्षीय बॉन्ड ने 5 जुलाई को सरकार द्वारा नए गिल्ट की लॉन्चिंग की घोषणा के साथ ही इस सेगमेंट में कारोबार करना शुरू कर दिया है.
अपेक्षाकृत अधिक रिटर्न वाले इस बॉन्ड को पेश किया जाना इस बात का संकेत है कि रिजर्व बैंक अब सरकारी प्रतिभूतियों (सिक्यूरिटी) पर रिटर्न के बढ़े हुए स्तर को स्वीकार करने को तैयार है. इसी दौरान आरबीआई ने यह भी घोषणा की है कि सभी राज्य 30 सितंबर को समाप्त होने वाली चालू तिमाही में उससे कुल मिलाकर लगभग 1.9 लाख करोड़ रुपये की उधारी लेंगे. यह राशि पहले की गई घोषणा के मुकाबले लगभग 20,000 करोड़ रुपये अधिक है.
बॉन्ड डीलरों ने कहा कि उधार की यह अतिरिक्त राशि आने वाले महीनों में यील्ड (प्रतिफल) पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है. इससे बॉन्ड बाजार में के रिटर्न में कुछ बढ़त देखने को मिल सकती है.