गोल्ड ETF: मार्केट में कई तरह के एक्स्चेंज ट्रेडेड फंड (ETF) है, जैसे कि गोल्ड ETF, निफ्टी ETF और सेंसेक्स ETF. गवर्मेंट के CPSE और भारत 22 ETFs भी है, जो सरकारी कंपनियों में निवेश करते है. ETF में आप BSE या NSE जैसे एक्स्चेंज पर युनिट ट्रेडिंग करने मिलता है. आज हम गोल्ड ETF के बारे में जानेंगे. गोल्ड ETF ने पिछले एक साल में 15% के करीब नेगेटिव रिटर्न दिया है. 3 साल में गोल्ड ETF ने 13-17% की रेंज में और 5 साल में 10% के करीब पॉजिटिव रिटर्न दिया है.
गोल्ड ETF क्या है?
Equitymath के फाउंडर शशांक महेता बताते हैं, “जैसे इंडेक्स फंड एक इंडेक्स को फोलो करता है वहीं ETF एक ब्रोडर केटेगरी की मिरर ईमेज बताता है. आप किसी सेक्टर या थीम में निवेश करना चाहते है तो ETF पसंद कर सकते है, जैसे गोल्ड.” पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ETF खरीदना है. यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है. एक गोल्ड ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम प्योर सोना.
गोल्ड ETF काम कैसे करता है?
गोल्ड ETF म्यूचुअल फंड के समान हैं जिनका स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार होता है, यानी स्टॉक एक्सचेंजों से कोई भी यूनिट खरीद और बेच सकते है. जिस तरह एक इक्विटी म्यूचुअल फंड में एक AMC द्वारा शेयरों में निवेश करने के लिए निवेशकों से धन इकट्ठा किया जाता है, वैसे ही गोल्ड ETF में शुद्ध शुद्ध सोने में निवेश होता है. आपको कम से कम एक यूनिट खरीदना जरूरी है. आप मौजूदा ट्रेडिंग खाते से ही गोल्ड ETF खरीद और बेच सकते है. गोल्ड ETF की यूनिट डीमैट खाते में जमा होती है.
गोल्ड और इक्विटी मार्केट
आमतौर पर जब इक्विटी बाजार कमजोर होता है तो सोना अच्छा रिटर्न देता है. 2011, 2016 और 2020 के बाजार सुधार के दौरान पीली धातु की कीमतों में हुई बढ़त इसके उदाहरण हैं. पिछले एक साल में भारत में गोल्ड की कीमते 13% नीचे गई है, वहीं इक्विटी मार्केट ने 44% उंचा रिटर्न दिया है. इक्विटी और अन्य संपत्तियों के साथ इसके कम सहसंबंध को देखते हुए, सोना एक अच्छा पोर्टफोलियो डायवर्सिफायर भी हो सकता है. आप पोर्टफोलियो का 5-10 प्रतिशत किसी भी समय सोने में रख सकते हैं.
क्या ध्यान रखना चाहिए
गोल्ड ETF में निवेश करने के लिए आपको तरलता, जोखिम और निवेश अवधि की आवश्यकताओं को समझना चाहिए. ऐसे फंड का एसेट साइज, ट्रैकिंग एरर, एक्सवपेंस रेशियो, इम्पैिक्टै कॉस्टत और स्पॉंट प्राइस पर डिस्काचउंट से लेकर उसके नेट एसेट वैल्यू, आदि के बारे में जानना भी बहुत जरूरी है. आपका ब्रोकर कितना बाय-सेल ब्रोकरेज लेता है और उसमें कितना स्प्रेड जोडता है वो जान लेना चाहिए.
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
इन्वेस्टर को अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करना जरूरी है, और गोल्ड का उपयोग हेजिंग के लिए किया जा सकता है. गोल्ड को पहले से ही सेफ हैवन के रूप में देखा गया है. आपको किसी भी ETF को खरीदने या बेचने में उसकी लिक्विडिटी या ट्रेडिंग वॉल्युाम पर खास ध्यामन देना चाहिए. जो गोल्ड ETF हर दिन ट्रेड होता हो और वॉल्यु्म अच्छीड हो उसे ही निवेश के लिए चुनना चाहिए.
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