प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में उद्यमिता (Entrepreneurship) को बढ़ावा देने के लिए 16 जनवरी, 2016 को “स्टार्टअप इंडिया कैंपेन” शुरू किया. इसका मकसद इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए देश के इको-सिस्टम को मजबूत बनाना है, जिससे सस्टेनेबल इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा मिले और बड़े पैमाने पर रोजगार की संभावनाएं पैदा हो. इस विजन को पूरा करने के लिए, सरकार स्टार्टअप के लिए बैंक फाइनेंसिंग को प्रमोट करती है, इनकॉर्पोरेशन प्रोसेस को सरल बनाती है और आंत्रप्रेन्योर को कई टैक्स छूट और इन्सेंटिव देती है.
जो अभी तक इनकॉर्पोरेशन/रजिस्ट्रेशन के दस साल के निशान तक नहीं पहुंचा है.
जो एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है, एक पार्टनरशिप फर्म या एक लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप रजिस्टर्ड है.
इनकॉर्पोरेशन/रजिस्ट्रेशन के बाद से किसी भी फाइनेंशियल ईयर में उसका सालाना रेवेन्यू 100 करोड़ रुपये से ज्यादा ना हो.
इनोवेशन, डेवलपमेंट या प्रोडक्ट, प्रोसेस या सेवाओं में वृद्धि, जॉब क्रिएशन और वेल्थ क्रिएशन की उच्च क्षमता वाले एक स्केलेबल बिजनेस मॉडल में इंगेज है. यह किसी मौजूदा फर्म को डिमोलिश या रीबिल्ड करके स्थापित नहीं किया गया हो.
सात साल के ब्लॉक में तीन साल का टैक्स हॉलिडे यह योजना 1 अप्रैल, 2016 और 31 मार्च, 2021 के बीच गठित स्टार्टअप्स के लिए शुरू हुई थी. बजट 2021 में इसे 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया. ये स्टार्टअप सात साल के ब्लॉक में तीन साल के लिए मुनाफे पर 100% की टैक्स छूट के लिए एलिजिबल होंगे बशर्ते कि उनका सालाना रेवेन्यू किसी भी फाइनेंशियल ईयर में 25 करोड़ रुपये से ज्यादा न हो. यह आंत्रप्रेन्योर को शुरुआती स्टेज के दौरान उनकी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा.
इनकम टैक्स एक्ट में एक नए सेक्शन 54 EE को शामिल करने के लिए संशोधन किया गया है जो क्वालिफाइंग स्टार्टअप को लंबी अवधि के कैपिटल गेन पर टैक्स से छूट देता है यदि लाभ या इसका एक हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित फंड में एसेट ट्रांसफर की डेट से 6 महीने अंदर निवेश किया जाता है. स्पेसिफाइड लॉन्ग टर्म एसेट में अधिकतम 50 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. यह रकम तीन साल के लिए स्पेसिफाइड फंड में रखी जाएगी. यदि तीन साल से पहले पैसा विड्रॉ किया जाता है, तो उस साल में छूट वापस ले ली जाती है जब पैसा विड्रॉ किया जाता है.
सरकार ने क्वालिफाइंग स्टार्टअप्स में इन्वेस्टमेंट पर टैक्स में छूट दी है जो उनके फेयर मार्केट वैल्यू से ज्यादा है. ये इन्वेस्टमेंट रेजिडेंट एंजेल इन्वेस्टर, फैमिली मेंबर या अनरजिस्टर्ड वेंचर कैपिटल फंड द्वारा की जा सकती है.
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