Financial Tips: हर व्यक्ति अपने जीवन में फाइनेंशियल फ्रीडम प्राप्त करना चाहता है. कई लोग इस लक्ष्य को अपने जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य मानते हैं और वे पूरी तरह से सही भी हैं. क्योंकि फाइनेंशियल इनसिक्योरिटी किसी की मेंटल हेल्थ को भी खराब कर सकती है. आज हम उन्हीं 5 गलतियों की बात करने वाले हैं. जो किसी भी व्यक्ति को फाइनेंशियल फ्रीडम प्राप्त करने से रोकती है.
पहली और सबसे बड़ी गलती लोगों की बनाए गए बजट को फॉलो न करने की होती है. अक्सर लोग महीने की शुरुआत में ही अपना बजट तैयार कर लेते हैं, लेकिन उसको पूरी तरह से फॉलो नहीं कर पाते हैं.
आज कंज्यूमर ड्रिवेन सोसाइटी को देखते हुए एक से अधिक खर्च करने के चक्कर में पड़ना आसान है. चाहे वह एक लक्जरी कार हो या नया कोई स्मार्टफोन लोग किसी न किसी वजह से तैयार बजट से अधिक खर्च करना शुरू कर देते हैं. जिससे उनकी फाइनेंशियल कंडीशन बिगड़ती रहती है.
वहीं अगर आप एक बजट तैयार किये बिना ही अपना जीवन जी रहे हैं तो ये आपकी सेविंग्स को भी नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए अपने ख़र्चों पर नज़र रखें और साथ ही साथ खर्चो की लिमिट को भी सेट करें.
कोविड -19 के कारण लगे लॉकडाउन ने हम में से कई लोगों को सिखाया कि कैसे केवल जरूरतों पर खर्च करना चाहिए.
चाहे वह लाइफ इंश्योरेंस को बचत और निवेश के रूप में देखना हो या नियोक्ता द्वारा प्रायोजित स्वास्थ्य योजना पर निर्भर रहना हो, लोग अक्सर बीमा योजना को कठिन समय से गलत पाते हैं.
लगभग हर किसी के पास कभी न कभी एक यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP), एक एंडोमेंट या कैश-बैक प्लान होता है, लेकिन ये हाई कॉस्ट और लंबे कार्यकाल के कारण अच्छे नहीं माने जाते है.
लोग इस बात से अनजान हैं कि इंश्योरेंस एक लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट है और आज वे जो चुनाव करते हैं. वह उन्हें लंबे समय तक प्रभावित करता है.
इसीलिए जब जीवन बीमा की बात आती है. तो चीजों को सरल रखना और पर्याप्त कवरेज के साथ एक टर्म पॉलिसी चुनना सबसे अच्छा होता है. इसके अतिरिक्त आपके परिवार और स्वयं के लिए पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस होना जरूरी है.
कोविड -19 संकट के कारण कई लोगों को वर्क फ्रॉम होम करना पड़ा जिससे उनकी सैलरी भी प्रभावित हुई. साथ ही साथ कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनकी नौकरी कोरोना महामारी के कारण छूट गयी.
इसीलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स कम से कम छह महीने के खर्च को सुरक्षित और एक्सेसिबल प्रॉपर्टी जैसे लिक्विड फंड और टर्म डिपॉजिट में रखने की सलाह देते हैं. ताकि इस प्रकार की अचानक आई मुसीबतें आपकी फाइनेंशियल कंडीशन को खराब न कर सकें.
बहुत से लोग 30 या 40 साल की उम्र में अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग और इन्वेस्टमेंट करियर की शुरुआत करते हैं, लेकिन यह शुरुआत जितनी जल्दी हो उतना ही आप कंपाउंड इंटरेस्ट का फायदा उठा सकते हैं.
साथ ही एक और कारण यह भी है कि ज्यादातर लोग फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं करते हैं. ऐसे लोग अपना निवेश टैक्स बचाने या किसी के द्वारा दी गयी रैंडम सलाह पर करते हैं.
जिसके बारे में अच्छी तरह से सोचा नहीं जाता है. ऐसा करना उनके लिए काफी नुकसान दायक होता है. इसीलिए अपने छोटे और बड़े लक्ष्यों को पहले ही निर्धारित कर लें और फिर उसके अनुसार अपने इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग करें.
उदाहरण के लिए यदि आपका उद्देश्य शार्ट टर्म का है. तो ऐसे में आपको इक्विटी में निवेश से बचना चाहिए.
भारत में लोगों ने अब म्यूचुअल फंड के फायदों को पहचान लिया है और सिस्टेमेटिक इंनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से निवेश करना शुरू कर दिया है. हालांकि उनमें से बड़ी संख्या में लोग इसे सही ढंग से नहीं कर रहे हैं.
क्योंकि बिना रिसर्च किये किया गया कोई भी निवेश उन्हें खतरे में डाल सकता है. ऐसे मे एक निवेशक को इक्विटी एक्सपोज़र से बचना चाहिए.
एक निवेशक के रूप में आपको अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों और रिस्क टॉलरेंस के साथ-साथ बेंचमार्क की तुलना में फंड के प्रदर्शन के आधार पर म्यूचुअल फंड का चयन करना चाहिए.
हालांकि इनमें से ज्यादातर गलतियां सुधारी जा सकती हैं. साथ ही आप जितना देर वेट करेंगे आपके लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल लक्ष्यों को उतना ही नुकसान होगा.
इसलिए अगर आप अनजाने में ही इनमें से कोई गलतियां कर रहे हैं. तो उनमें जल्द से जल्द सुधार करना शुरू कर दें, जिससे आपको फाइनेंशियल फ्रीडम प्राप्त करने में बहुत आसानी होगी.
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