कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर लोगों का संकट गहरा दिया है. डर है कि अगर पिछले साल जैसे हालात बने तो घर खर्च कैसे चलेगा?, लोन की किश्तें कैसे अदा होंगी?, लेकिन इस समय घबराने नहीं सब्र से काम लेने की बात है. इसके लिए अभी से ही फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planing) शुरू करनी होगी. हम आपको यहां कुछ तरीके बताने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर अब अपना संकट काफी हद तक कम कर सकते हैं.
हिसाब लगाएं कितने पैसों की आवश्यकता पड़ेगी
फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planing) करने को सबसे पहले यह हिसाब लगाएं कि आपका एक माह में कितना खर्च हो जाता है. इसी के अनुसार आने वाले महीनों की भी योजना बनाना शुरू कर दें. ऐसे में सबसे पहले इमरजेंसी फंड बनाएं. इसमें औसतन छह माह के हिसाब से अमाउंट रख दें. हालांकि इसका सख्ती से पालन करना होगा. गैर जरूरी खर्चों में कटौती करनी होगी. वही खर्च करें जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो, लेकिन अपने सेविंग अकाउंट में पड़े हुए पैसों को बिलकुल न छेड़ें. इमरजेंसी फंड के लिए अन्य बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं. दो से तीन माह के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट भी करा सकते हैं.
जल्दबाजी में जमकर खरीदारी न करें
अक्सर संकट आने पर हम हड़बड़ी में फैसले लेने लगते हैं. लॉकडाउन के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था. लोगों ने जल्दबाजी दिखाते हुए अनावश्यक सामान को भरना शुरू कर दिया है. जिससे उनका बजट बुरी तरह बिगड़ गया था. इसलिए हमेशा धैर्य से काम लें.
इंश्योरेंस पॉलिसी का होना जरूरी
संकट के समय में अपना जमा पैसा निकालने के बजाय अन्य विकल्पों पर भी गौर करना चाहिए. ऐसे मौके पर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर होनी चाहिए. यह आपने स्वास्थ्य पर होने वाले बड़े खर्च का बोझ उठाने में मददगार साबित होग. इसलिए पॉलिसी होनी जरूरी है.