ETF: भारत-केंद्रित ऑफशोर फंड और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) से सितंबर, 2021 को समाप्त तिमाही के दौरान 95 मिलियन डॉलर की शुद्ध निकासी हुई है. वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्निंगस्टार की ताजा रिपोर्ट से इसका पता चला है कि यह लगातार 14वीं ऐसी तिमाही है जिसमें शुद्ध निकासी की है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक रिपोर्ट के अनुसार, शुद्ध निकासी 95 मिलियन डॉलर रही, जो जून तिमाही में देखे गए 1.5 बिलियन डॉलर की निकासी से बहुत कम है.
भारतीय इक्विटी बाजारों में उछाल ने भारत-केंद्रित ऑफशोर फंडों और ईटीएफ के परिसंपत्ति को पिछली तिमाही में दर्ज किए गए 46.3 बिलियन डॉलर से 11 प्रतिशत से अधिक 51.6 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने में मदद की है.
भारत-केंद्रित ऑफशोर फंड और ईटीएफ ने तिमाही के दौरान 10.6 फीसदी का रिटर्न दिया, जो एमएससीआई इंडिया यूएसडी इंडेक्स से कम है.
एमएससीआई इंडिया यूएसडी इंडेक्स ने 12.7 फीसदी का रिटर्न दिया, यह उस समय की बात है जब एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 12.7 फीसदी, एसएंडपी बीएसई मिडकैप 12.1 फीसदी और एसएंडपी बीएसई स्मॉलकैप 11.3 फीसदी चढ़ा हुआ था.
भारत पर केंद्रित 10 सबसे बड़े विदेशी फंडों और ईटीएफ की संपत्ति लगातार बढ़ती रही है. सितंबर के अंत में यह 22.3 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो जून में समाप्त तिमाही में 20.1 अरब डॉलर थी. इसमें 11 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.
कुछ कारण हैं जो सबसे ज्यादा विदेशी निवेशकों को आकर्षित करते हैं जैसे भारत में टीकाकरण अभियान और इसकी गति और भारत महामारी की संभावित तीसरी लहर के जोखिम से कैसे निपटता है, इन सब कारणों से आर्थिक स्थिति में थोड़ी सुधार हुआ है.
भारत में निवेश करने वाले ऑफशोर एमएफ को दो समूहों / श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: भारत-केंद्रित ऑफशोर फंड और ईटीएफ.
स्पाई रिपोर्ट के अनुसार, ऑफशोर फंडों और ईटीएफ द्वारा भारतीय इक्विटी तिमाही के दौरान बढ़कर अनुमानित 303 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछली तिमाही में दर्ज 278 बिलियन डॉलर था.
भारत में निवेश के लिए गठित फंड्स को ही ऑफशोर फंड कहा जाता है, भारत केंद्रित ऑफशोर फंड और ईटीएफ निवेश के कुछ साधन है जिनके माध्यम से विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं.
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