ETF: खुदरा निवेशकों की मांग में बढ़ोतरी के चलते एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (exchange traded funds -ETF) ने लिक्विड फंड्स सेगमेंट को पीछे छोड़ दिया है. प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) के लिहाज से सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड श्रेणी बन गई है. यह एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Association of Mutual Funds in India-AMFI) ने ईटी को किए साझा आंकड़ों में बताया कि सितंबर 2021 के अंत में ईटीएफ का एयूएम (Assets under management-AUM) 3.6 लाख करोड़ रुपये था, जो लिक्विड फंड से लगभग 39,000 करोड़ रुपये अधिक था. पिछले एक साल में ईटीएफ की तुलना में लिक्विड फंडों का औसतन एयूएम लगभग 80,000 करोड़ रुपये से रहा है. ईटीएफ से जुड़ी म्यूचुअल फंड योजनाओं की संख्या सितंबर में बढ़कर 103 हो गई, जबकि दो साल पहले यह 71 थी.
पिछले 12 महीनों में ईटीएफ एयूएम 72% बढ़ा है, जो म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की एयूएम वृद्धि का लगभग दोगुना है.
नतीजतन, इस अवधि के दौरान कुल इंडस्ट्री एयूएम में पूर्व श्रेणी की हिस्सेदारी 250 आधार अंक बढ़कर 10% हो गई. सितंबर में ईटीएफ जोड़ फोलियो एक रिकॉर्ड स्तर छह लाख था और एक साल के औसत 3.7 लाख फोलियो से दोगुना.
संचयी ईटीएफ फोलियो एक वर्ष में दोगुना बढ़कर 69.1 लाख हो गया. प्रति ईटीएफ फोलियो का औसत निवेश सितंबर में घटकर 5.3 लाख रुपये रह गया, जो दो साल पहले 12.5 लाख रुपये था.
खास तौर पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने ईटीएफ रूट के जरिए इक्विटी आवंटन को बढ़ा दिया है.
क्या होते हैं ईटीएफ और लिक्विड फंड्स?
ईटीएफ फंड वह होते हैं जो नियमित म्यूचुअल फंड के विपरीत स्टॉक एक्सचेंज में साधारण स्टॉक जैसे कारोबार करते हैं, इसकी इकाइयां मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत ब्रोकर के जरिए खरीदी और बेची जाती हैं.
लिक्विड फंड्स वह होते हैं जहां निवेशक कम समय में इसमें निवेश करते हैं और एक निश्चित रिटर्न प्राप्त करते हैं, इससे जोखिम कम होता है. इसलिए यह निवेशकों में पॉपुलर है.