डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड भारत में रिलेटिवली नया कॉन्सेप्ट है, जिसे एक दशक से भी कम समय पहले पेश किया गया था. अधिकांश निवेशक इक्विटी और डेट फंड से परिचित हैं, जो खास तौर से स्पेसिफिक टाइप के एसेट में निवेश (Invest) करते हैं. बैलेंस्ड फंड भी काफी पॉपुलर है जिसमें एक पूर्व निर्धारित अनुपात में इक्विटी और डेट दोनों में निवेश किया जाता है. डायनेमिक फंड बैलेंस्ड फंडों की तुलना में ज्यादा एग्रेसिव और एक्टिव हैं. डायनेमिक फंड, बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड की तरह, इक्विटी और डेट के मिक्स में निवेश (Invest) करते हैं, लेकिन यह मिक्स ज्यादा वेरिएबल और डायनेमिक होता है.
जब रिटर्न की बात आती है, तो बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड ने डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड (DAAF) की तुलना में थोड़ा बेहतर रिटर्न दिया है. वैल्यू रिसर्च डेटा के मुताबिक, बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड्स का सालाना रिटर्न एक, तीन और पांच साल में 28.01%, 10.22% और 8.87% रहा है. वहीं, 26 जुलाई 2021 तक एक, तीन और पांच सालों में DAAF का सालाना रिटर्न 23.33 फीसदी, 9.11 फीसदी और 8.79% रहा है.
– एक बैलेंस्ड फंड डेट और इक्विटी के मिक्स में निवेश करता है. इस एलोकेशन मिक्स में आम तौर पर इक्विटी और डेट का रेशियो 65:35 रखा जाता है.
– डेट फंड की तुलना में बैलेंस्ड फंड में रिस्क ज्यादा होता है लेकिन इक्विटी फंड की तुलना में रिस्क कम होता है.
– बैलेंस्ड फंड वोलेटाइल मार्केट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं क्योंकि वो एक बेहतर मिक्स प्रोडक्ट प्रोवाइड करने के लिए इक्विटी की अल्फा जनरेशन के साथ डेट की स्टेबिलिटी को मिलाते हैं.
– DAAF के पास अपने एसेट एलोकेशन को एडजस्ट करने के लिए काफी बड़ा कैनवास है. डायनेमिक फंड सैद्धांतिक रूप से इक्विटी में 0% से 100% तक और इसी तरह 0% से 100% तक डेट में निवेश कर सकता है. यह डिसीजन फंड मैनेजर के निर्णय के अनुसार लिया जाता है. – उदाहरण के लिए, यदि फंड मैनेजर का मानना है कि मार्केट कमाई के लिहाज से सस्ता है, तो वो डायनेमिक फंड के इक्विटी कंपोनेंट को बढ़ावा देने का विकल्प चुन सकता है. अब मान लीजिए कि फंड मैनेजर का मानना है कि ब्याज दरों में गिरावट जारी रहेगी. उस स्थिति में, वो लंबी अवधि के डेट का विकल्प चुन सकता है, इंटरेस्ट रेट में हर गिरावट का फायदा मिलने से कैपिटल बढ़ेगा. डायनेमिक फंड में मार्केट को देखते हुए इक्विटी और डेट एलोकेशन को एक्सट्रीम लेवल तक बढ़ाया जा सकता है.
DAAF उन निवेशकों के लिए सही हैं जिनके रिस्क उठाने की क्षमता मध्यम है और पांच साल का नजरिया है. ये फंड मार्केट साइकिल में बहुत कम वोलैटिलिटी के साथ इक्विटी के करीब रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं.
फंड्सइंडिया के रिसर्च हेड अरुण कुमार ने कहा “डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड एक ऑल-वेदर प्रोडक्ट है जो पहली बार इन्वेस्ट कर रहे और एक्सपीरिएंस्ड इन्वेस्टर दोनों के लिए उपयुक्त है. ये फंड इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं और मार्केट की स्थिति के आधार पर दोनों के बीच एक्सपोजर को डायनामिक रूप से एडजस्ट करते हैं और इक्विटी के करीब रिटर्न देने की कोशिश करते हैं, लेकिन बहुत कम वोलैटिलिटी के साथ”
जब बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड की बात आती है, जिन निवेशकों का नजरिया कंजरवेटिव है और बिना रिस्क के इक्विटी पर रिटर्न का फायदा उठाना चाहते हैं, वो इन फंडों में निवेश कर सकते हैं. साथ ही, जो निवेशक अपने रिस्क प्रोफाइल को लेकर श्योर नहीं हैं, वो भी इन फंडों में निवेश कर सकते हैं.
DAAF का टैक्सेशन इस बात पर निर्भर करता है कि फंड में किस एसेट क्लास को ज्यादा एक्सपोजर मिला है. यदि फंड अपने एसेट का 65% से अधिक स्टॉक या इक्विटी से लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश करता है, तो यह इक्विटी फंड के समान टैक्सेशन के अधीन है. यदि इक्विटी से रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट में एसेट का निवेश 65% से कम है, तो फंड पर डेट फंड की तरह टैक्स लगाया जाता है, जो कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड के समान है.
जबकि बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (जहां होल्डिंग की अवधि 36 महीने से कम है) पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (36 महीने से ज्यादा की होल्डिंग पीरियड) पर टैक्स इंडेक्सेशन बेनिफिट्स के साथ 20% पर लगता है.
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