Mutual Fund Investment: 32 साल के किरीट राठौड़ के पोर्टफॉलियो में इक्विटी, गोल्ड, रियल एस्टेट और डेट एसेट है. वहीं, उनके म्यूचुअल फंड पोर्टफॉलियो में 4 लार्जकैप, 2 स्मॉलकैप और 1 मिडकैप स्कीम्स हैं. यानि एसेट क्लास के मामले में उन्होंने अच्छा डाइवर्सिफिकेशन किया है, लेकिन म्यूचुअल फंड में उन्होंने केवल इक्विटी पर फोकस किया है. 38 साल के नरेन जैन के म्यूचुअल पोर्टफॉलियो में लार्जकैप, मिडकैप, बेलेंस्ड फंड, ELSS और बॉन्ड का अच्छा मिश्रण है. इन दोनों उदाहरण से यह पता चलता है कि, भारत के कई निवेशक या तो ओवर-डाइवर्सिफिकेशन करते है या किसी एक एसेट क्लास या किसी एक तरह की स्कीम्स में ज्यादा निवेश करते है.
जब आप अपनी निवेश यात्रा शुरू करते हैं, तो आपको अपने पोर्टफोलियो के लिए सही विकल्प चुनना बेहद महत्वपूर्ण है. आपको इस तरह का पोर्टफॉलियो बनाना चाहिए जो जोखिम से सुरक्षित रहे और उच्च रिटर्न दिलाए. इसके लिए एक्सपर्ट डाइवर्सिफिकेशन और कंसंट्रेशन स्ट्रेटेजी के बीच ताल मिलाने की सलाह देते है.
डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो
डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो एक ऐसा पोर्टफोलियो होता है, जिसमें एसेट्स या सिक्योरिटीज का आपस में बहुत कम संबंध होता है. इस तरह यह एक निवेशक को अपने समग्र पोर्टफोलियो को जोखिम से दूर रखने में मदद करता है. ऐसे पोर्टफॉलियो में लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप, मल्टिकैप, इंडेक्स फंड, सेक्टोरल फंड को शामिल किया जाता है.
AMFI-रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर और A to Z Invest House के CEO प्रेरक शाह मनी9 को बताते है, “निवेशक को अपना पोर्टफॉलियो इस तरह से डाइवर्सिफाय रखना चाहिए, जो उन्हें जोखिमो से बचके रहने में मदद करे. शुरुआती दौर में लार्जकैप और हाइब्रीड स्कीम चुनना बेहतर है. डाइवर्सिफिकेशन की प्रक्रिया में ओवर-डाइवर्सिफिकेशन न हो जाए, इस बात को भी सुनिश्चित करना चाहिए, क्योंकि 50 के करीब स्टॉक और दूसरे साधनो में निवेश करने वाली एक म्यूचुअल फंड स्कीम पहले से ही डाइवर्सिफाय होती है.”
कंसंट्रेटेड पोर्टफोलियो
एक कंसंट्रेटेड (केंद्रित) पोर्टफोलियो उसे कहेंगे, जिसमें बहुत सीमित विविधीकरण के साथ केवल कुछ प्रतिभूतियां होती हैं. आमतौर पर ऐसे पोर्टफॉलियो में 20-25 सिक्योरिटीज या उससे भी कम होती है. हालांकि, एक केंद्रित पोर्टफोलियो से जोखिम बढ़ जाता है, लेकिन रिटर्न भी उच्च मिलता है. ऐसे पोर्टफोलियो में किसी एक सेक्टर या थीम की 2-3 स्कीम शामिल होती है या केवल लार्जकैप की 2-3 स्कीम हो सकती है.
एक्सपर्ट की राय
कम जोखिम लेने वाले निवेशकों को एक केंद्रित पोर्टफोलियो में निवेश करने से बचना चाहिए और डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में निवेश करना चाहिए. म्यूचुअल फंड के संदर्भ में लंबे समय में कंसंट्रेटेड रणनीति बेहतर हो सकती है, क्योंकि प्रत्येक म्यूचुअल फंड पहले से ही अपने तरीके से डाइवर्सिफाय होते है, लेकिन प्रत्येक निवेशक के टार्गेट पर इसका आधार रहता है.
भारत के सबसे बडे म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्युटर NJ ग्रुप के AVP प्रशांत कक्कड मनी9 को बताते है, “सबसे पहले आपको यह तय करना चाहिए कि निवेश करने का आपका उद्देश्य क्या है. टार्गेट-आधारित निवेश ही आपको सही फंड का चुनाव करने में मदद करेगा. आपको साल में एक बार अपने पोर्टफॉलियो को रिव्यू करना चाहिए और ज़रूरत के मुताबिक, एसेट अलोकेशन करते हुए निवेश यात्रा में आगे बढ़ना चाहिए.”
निवेशक क्या करें
निवेश के लिए किसी भी दृष्टिकोण को तय करने से पहले निवेशकों को अपने निवेश लक्ष्य, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश क्षितिज को ध्यान में रखना चाहिए. आपके लिए कौन सी रणनीति सबसे अच्छा काम करती है यह तय करने के लिए और गुणवत्ता वाले फंड्स को पसंद करने के लिए आपको विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए. एक रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर (RIA) आपकी विविधीकरण की आवश्यकता का ख्याल रखेगा और उच्च रिटर्न हासिल करने के लिए कंसंट्रेटेड रणनीति को भी अपनाएगा.
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