म्यूचुअल फंड मैनेजर अपनी स्कीम के निवेश मकसद को पूरा करने के लिए कई तरह की निवेश रणनीतियां अपनाते हैं. इनमें से कई निवेशक कॉन्ट्रेरियन इनवेस्टिंग स्ट्रैटेजी (contrarian investing strategy) को पसंद करते हैं. हालांकि, इस रणनीति में काफी जोखिम, लेकिन इसमें निवेशकों को तगड़ा रिटर्न भी मिलता है. यहां, हम कॉन्ट्रा म्युचुअल फंड्स (contra mutual funds) पर गौर करेंगे, जो एक कॉन्ट्रेरियन तरीके से निवेश करते हैं, और इन फंड्स के बारे में कुछ प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करेंगे. कॉन्ट्रा कैटेगरी (contra mutual funds) में केवल तीन फंड हैं, और आखिरी कॉन्ट्रा फंड वर्ष 2007 में लॉन्च किया गया था.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कॉन्ट्रा निवेश एक शैली के रूप में उतना लोकप्रिय नहीं है और इस वजह से ज्यादातर खुदरा निवेशकों को कॉन्ट्रा निवेश के बारे में पता नहीं है.
कॉन्ट्रा फंड (contra mutual funds) क्या हैं?
जब निवेश की बात आती है तो कॉन्ट्रा फंड (contra mutual funds) का एक अलग आउटलुक होता है. ये फंड बाजार का फायदा उठाने के लिए निवेश करते हैं.
उदाहरण के लिए, इस फंड के तहत, फंड मैनेजर इस विश्वास में कम मूल्य पर स्टॉक खरीदता है कि स्टॉक की कीमतें लंबी अवधि में बढ़ेंगी. यहां मुख्य रूप से, कमजोर प्रदर्शन वाली कंपनियों का इस लिहाज से मूल्यांकन किया जाता है कि वे भविष्य में ग्रोथ करेंगी या नहीं.
हालांकि, कई दफा ऐसा होता है जब कोई खास सेक्टर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे होते हैं. ऐसे समय के दौरान एक कॉन्ट्रा फंड (contra mutual funds) इन क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है और उन शेयरों की कीमत बढ़ने तक निवेशित रहता है.
इन पर कैसे टैक्स लगता है?
आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत, कॉन्ट्रा म्यूचुअल फंड (contra mutual funds) से अर्जित डिविडेंड आपकी कर योग्य आय से प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक काटा जाता है. 36 महीने तक के शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स पर 15% टैक्स देना होता है, जबकि 36 महीने से ज्यादा के गेन पर सिर्फ 10% टैक्स देना होता है.
हालांकि, पूंजीगत लाभ पर कर कटौती इंडेक्सेशन के अधीन है.
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
कॉन्ट्रा फंड (contra mutual funds) लंबी अवधि में बेहतर प्रदर्शन करते हैं और छोटी अवधि के निवेश के लिए आदर्श नहीं हैं. इसलिए, ये फंड केवल उच्च जोखिम वाले निवेशक के लिए उत्पादों के लिए उपयुक्त हैं जो विकास के चरण का लाभ उठाना चाहते हैं.
वेंचुरा सिक्योरिटीज के निदेशक जुजर गाबाजीवाला ने कहा, “कॉन्ट्रा फंड्स (contra mutual funds) का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) जून 2020 में 6,607 करोड़ रुपये से बढ़कर जून 2021 में 10,971 करोड़ रुपये हो गया. इस तरह से इनका AUM 66% बढ़ गया है.
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, मौजूदा बाजार के रुझानों के खिलाफ ये म्यूचुअल फंड (contra mutual funds) निवेश करते हैं और ऐसे स्टॉक जो वर्तमान में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है, भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है, उनमें पैसा लगाते हैं.
तो, क्या किसी को निवेश करना चाहिए?
“मौजूदा तेजी में, जहां शेयरों का मूल्यांकन उनके ऐतिहासिक औसत से काफी आगे बढ़ गया है, निवेशकों के लिए एक कॉन्ट्रा स्ट्रैटेजी अपनाना समझदार विकल्प हो सकता है. कॉन्ट्रा फंड (contra mutual funds) निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद कर सकते हैं. फिर भी, उन्हें फंड के जोखिम को भी ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि हर स्टॉक जो वर्तमान में प्रदर्शन नहीं कर रहा है, भविष्य में जरूरी नहीं कि वह भविष्य में प्रदर्शन करे.
हालांकि, SBI कॉन्ट्रा फंड को छोड़कर, जिसने BSE 500 से बेहतर प्रदर्शन किया है, बाकी 2 फंडों ने इंडेक्स के बराबर रिटर्न दिया है.
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