Compounding: अमीर बनने की ख्वाहिश है? लेकिन, पैसे से पैसा कैसे बनेगा इसकी रणनीति नहीं पता. बस यहीं काम आता है कम्पाउंडिंग (Compounding) का फंडा. कम्पाउंडिंग की ताकत सही तरीके से समझ लें तो आपको अमीर बनने से कोई नहीं रोक सकता है. आमतौर पर लोगों का मानना होता है कि कैपिटल मार्केट (Capital Market) में बड़ी रकम निवेश करके ही अमीर बना जा सकता है. ऐसा नहीं है. छोटी रकम भी बड़ा रोल निभा सकती है.
बस जरूरत है सही स्ट्रैटेजी के साथ अपने निवेश (Investment) की शुरुआत करने की. कम्पाउंडिंग की ताकत (Power of Compounding) समझें और निवेश करें. फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) जितनी जल्दी शुरू होगी, उतना फायदा मिलेगा. निवेश का लक्ष्य लंबी अवधि का होना चाहिए. पावर ऑफ कम्पाउंडिंग को समझना बेहद जरूरी है. आइये जानते हैं…
अक्सर कम्पाउंडिंग का नाम सुना होगा. इसकी ताकत के भी चर्चे सुने होंगे. लेकिन, फिर भी मन में सवाल यही होगा कि आखिर कम्पाउंडिंग क्या है? सीधे-सीधे समझिए कि निवेश करने पर जो आपकी कमाई होती है, उसे भी फिर से निवेश करना कम्पाउंडिंग (Compounding) है. इसमें आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. कम्पाउंडिंग (Compounding) आपके निवेश को दोगुना, तीन गुना करने का सबसे बढ़िया जरिया है.
– मंथली SIP: 10 हजार रुपए – अनुमानित रिटर्न: 12 फीसदी (सालाना) – निवेश की अवधि: 10 साल – आपका कुल निवेश: 12 लाख रुपए – SIP की कुल वैल्यू: 23 लाख रुपए – फायदा: 11 लाख रुपए
– मंथली SIP: 10 हजार रुपए – अनुमानित रिटर्न: 12 फीसदी सालाना – निवेश की अवधि: 15 साल – आपका कुल निवेश: 18 लाख रुपए – SIP की कुल वैल्यू: 49.96 लाख रुपए – फायदा: 31.96 लाख रुपए
20 साल का निवेश – मंथली SIP: 10 हजार रुपए – अनुमानित रिटर्न: 12 फीसदी सालाना – निवेश की अवधि: 20 साल – आपका कुल निवेश: 24 लाख रुपए – SIP की कुल वैल्यू: 98.93 लाख रुपए – फायदा: 74.93 लाख रुपए
20 साल के निवेश पर जहां SIP वैल्यू करीब 1 करोड़ रुपए होगी और निवेश पर कुल फायदा 74.93 लाख रुपए होगा. 15 साल के निवेश पर SIP वैल्यू 49.96.5 लाख रुपए होगी और निवेश पर कुल फायदा 31.96 लाख रुपए होगा. 10 साल के निवेश पर SIP वैल्यू 23 लाख रुपए होगी और निवेश पर कुल फायदा 11 लाख रुपए होगा.
कम्पाउंडिंग (Compounding) का बेहतर फायदा तभी मिल सकता है, जब आप कम उम्र से ही निवेश शुरू कर दें. वहीं, आपको 5 या 10 साल की बजाए 20 या 25 साल के लिए लक्ष्य बनाना चाहिए. जितनी लंबी अवधि के लिए निवेश होगा, कम्पाउंडिंग (Compounding) का फायदा उतना ज्यादा होगा.
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