Mutual Fund Scheme Selection: म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करने के प्रति लोगों का रवैया बदल रहा है और अधिक मात्रा में लोग इसके साथ जुड़ने लगे हैं. कई लोग अच्छा रिसर्च करने के बाद म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, वहीं कुछ लोग दोस्तों और रिश्तेदारों की नकल करते हैं. यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए अभी नए हैं तो बेशक आप यह तय करने में उलझन का सामना करेंगे कि बेहतर म्यूचुअल फंड स्कीम का चयन कैसे करें. कौन सी स्कीम हमारे लिए परफेक्ट है यह तय करने के लिए आपको विभिन्न कारकों के बारे में सोचना होगा. किसी भी स्कीम का केवल रिटर्न रेशियो देखके उसके बारे में पक्की राय नहीं बनानी चाहिए ऐसा विशेषज्ञ मानते हैं.
सबसे पहले पसंद करें कैटेगरी
आपको सबसे पहले अपना टारगेट और अपनी जोखिम लेने की क्षमता कितनी है वह पता करना चाहिए. ये दोनों बातें जानने के बाद म्यूचुअल फंड की विभिन्न कैटेगरी में से कौन सी कैटेगरी आपका टारगेट पूरा करने में मदद कर सकती है यह चेक करें. मान लीजिए, आप बच्चों की शिक्षा के लिए फंड इकट्ठा करना चाहते है और उसके लिए आपके पास 10 साल से अधिक समय है और आप ज्यादा जोखिम लेने को तैयार हैं तो आपको बेशक इक्विटी कैटेगरी को चुनना चाहिए. अगर आपका टारगेट 5 साल के लिए है और टैक्स बचाना चाहते हैं तो ELSS कैटेगरी चुननी चाहिए और रिस्क लेने से डरते हैं तो हाइब्रिड कैटेगरी को चुनना चाहिए.
उच्च रेटिंग वाली स्कीमें देखें
कैटेगरी सुनिश्चित करने के बाद आपको उस कैटेगरी की विभिन्न स्कीम में से किसी स्कीम को चुनना होगा. इसके लिए आप रिसर्च वेबसाइट या एप्लीकेशन की मदद ले सकते हैं. यहां आपको उच्च रेटिंग वाली स्कीम के बारे में जानकारी मिल जाती है. रिसर्च कंपनियां विभिन्न कारकों के आधार पर स्कीम को स्टार रेटिंग प्रदान करती हैं. आपको 4 या 5 स्टार वाली स्कीमें देखनी चाहिए.
सबसे महत्वपूर्ण है डाउनसाइड प्रोटेक्शन
अच्छे बाजार में तो सभी स्कीमें अच्छा प्रदर्शन करती हैं, लेकिन जब बाजार में भारी गिरावट हो तब स्कीम किस तरह से आपके रिटर्न को सुरक्षित रखती है, यह जानना सबसे जरूरी है. भारी उतार-चढ़ाव की स्थिति में फंड मैनेजर कितनी अच्छी तरह से प्रबंधन करता है, यह अहम है. वैसे तो किसी भी म्यूच्यूअल फंड की पिछली परफॉर्मेंस उसकी भविष्य की परफॉरमेंस का मापदंड नहीं होती, फिर भी अस्थिर मार्केट में फंड कैसा प्रदर्शन कर रहा है, यह देखना आवश्यक है. ये भी देखें कि क्या फंड अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन कर पा रहा है या नहीं.
स्कीम का लगातार प्रदर्शन देखें
आमतौर पर लोग किसी भी स्कीम के पिछले 1 साल के प्रदर्शन को देखके उसके बारे में अपना रवैया बना लेते है. चूंकि पिछले एक साल में इक्विटी मार्केट ने तगड़ा रिटर्न दिया है, इसलिए स्कीमें 40% से ज्यादा रिटर्न दिखा रही हैं. आप केवल एक साल के प्रदर्शन के आधार पर किसी स्कीम का चुनाव करेंगे तो भविष्य में नुकसान हो सकता है. आपको यह देखना चाहिए कि स्कीम ने लगातार कैसा प्रदर्शन किया है. आपको स्कीम के शुरुआत से लेकर अब तक का रिटर्न भी देखना चाहिए.
पिछला प्रदर्शन जारी रहेगा यह जरूरी नहीं
म्यूचुअल फंड स्कीम ने पिछले सालों में कैसा प्रदर्शन किया है केवल इतना जानने के बाद हमें स्कीम पसंद करने का निर्णय नहीं लेना चाहिए. क्योंकि आने वाले समय में स्कीम कैसा प्रदर्शन करेगी वह कोई नहीं बता सकता. याद रखें, जो स्कीमें आज टॉप- परफॉरमर हैं, वे शायद अगले 3 साल बाद टॉप-परफॉर्मर ना भी रहें.
ये भी रखें ध्यान
आपको फंड की उम्र, उसके पिछले ट्रैक रिकॉर्ड और अन्य संबंधित मापदंडों की जांच करनी चाहिए. स्कीम के साथ-साथ आपको फंड हाउस की साख पर भी ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा, स्कीम का प्रबंधन करने वाले फंड मैनेजर की साख भी देखें.
आपको फंड के एक्सपेंस रेशियो की तुलना समान कैटेगरी के फंड से करनी चाहिए. फंड के एक्जिट लोड और इनके शुल्क के बारे में जांच-पड़ताल अवश्य कर लेनी चाहिए.
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