SIP Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए लोगों में उत्साह बढ़ रहा है. सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए अच्छा रिटर्न हासिल करने कि लिए लोगों में साक्षरता भी बढ़ रही है. एकमुश्त निवेश के मुकाबले SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना सबसे बेहतर है, क्योंकि इसके जरिये आप अनुशासित तरीके से एक निश्चित अंतराल में थोड़ी-थोड़ी रकम किसी फंड में डालते हैं, जिस कारण आपका निवेश बाजार के जोखिम से सुरक्षित रहता है. हांलाकि कई निवेशक म्यूचुअल में SIP के ज़रिए निवेश करने में कई गलतीयों का शिकार बन जाते है, जिससे बचना बेहद जरूरी है.
रियर मिरर व्यू (rear mirror view) से बचके रहें
“निवेशक को रियर मिरर व्यू से बचके रहना चाहिए, क्योंकि निवेश के सफर में फ्रंट मिरर व्यू ज्यादा महत्वपूर्ण है. पिछले सालों में जिस फंड ने ज्यादा रिटर्न दिया है या दोस्तों और रिश्तेदारों को जिसमें अच्छा रिटर्न मिला है, उसमें हमें भी अच्छा रिटर्न मिलेगा यह सोचना गलत है. निवेशक को ऐसी गलती करने से दूर रहना चाहिए,” ऐसा AMFI-रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर और A to Z Invest House के CEO प्रेरक शाह money9 को बताते है.
शेयर बाजार में तेजी है इसलिए निवेश न करें
ज्यादातर निवेश ये गलती करते है. शेयर बाजार अच्छा चल रहा है, केवल यह देखके म्यूचुअल फंड में निवेश करने से दूर रहना चाहिए. याद रखें, जब मार्केट का वैल्यूएशन ऊंचा हो तब आपके निवेश से कम युनिट प्राप्त होंगे, वहीं बाजार में करेक्शन के दौर में निवेश करने से ज्यादा युनिट मिलते है, लेकिन मार्केट को टाइम करने से बचना चाहिए और उसके लिए SIP एक बढ़िया तरीका है, जो आपको बाजार की वोलेटालिटी से बचाता है.
बिना टार्गेट निवेश करने से बचें
शाह के मुताबिक, आपको टार्गेट तय करने के बाद उसे पूरा करने के लिए निवेश करना चाहिए. बच्चों की शिक्षा, उनकी शादी, रिटायरमेंट जैसे प्लान तय करने के बाद धीरे-धीरे SIP के जरिए निवेश करना चाहिए. कई लोग दोस्तों और रिश्तेदारों की नकल करके रिटर्न के पीछे भागते है, जो गलत है. आपको केवल अपने टार्गेट के पीछे भागना चाहिए.
NAV के आधार पर निवेश न करें
कई निवेशक मानते है कि फंड की हाई एनएवी (Net Asset Value) हाई रिटर्न की गारंटी है, जो गलत है. कई हाई एनएवी वाली म्यूचुअल फंड स्कीमों का रिटर्न हाई नहीं होता. निवेश से पहले फंड का पिछला परफॉरमेंस जरूर देखें और देखें कि स्कीम बेंचमार्क इंडेक्स क्या है. अच्छा होगा कि किसी विशेषज्ञ वित्तीय सलाहकार से सलाह लें.
पेनिक में SIP निवेश बंध ना करे
लोग मंदी में या मार्केट में क्रेश के वक्त निवेश करना बंध कर देते है, जो बहुत बडी गलती है. शाह कहते है कि, आपको मंदी में ही सबसे ज्यादा निवेश करना चाहिए. यदि आप SIP अमाउंट बढाएंगे या टोप-अप या स्टेप-अप करेंगे तो फायदे में रहेंगे, क्योंकि कम कीमत में ज्यादा युनिट का फायदा मिलेगा. मंदी में अपने इमोशन पर काबू रखें और निवेश बरकरार रखें.
सेक्टोरल निवेश से दूर रहे
म्यूचुअल फंड में अपनी उम्र, रिस्क-केपेसिटी, टार्गेट और अवधि को ध्यान में रखते हुए लार्ज-केप, मिड-केप, स्मोल-केप या फ्लेक्सि-केप में निवेश करना चाहिए. सेक्टोरल फंड में निवेश की गलती नहीं करनी चाहिए. शाह कहते है कि, सेक्टोरल में तेजी की साइकिल 1-3 साल की होती है, फिर मंदी आती है. कोई सेक्टर अच्छा परफोर्म कर रहा है, केवल इसलिए उसके फंड में निवेश करने में समझदारी नहीं है.
पैसों की जरूरत हो तो ही डिवडेंड प्लान चुने
निवेशक भूल जाते है कि, डिविडेंड प्लान चुनने से उनके रिटर्न पर भारी असर पडता है. यदि आपको पैसों की जरूरत हो तभी डिविडेंड प्लान चुनना चाहिए. हंमेशा ग्रोथ ओप्शन ही चुने, ऐसा शाह बताते है.
शुरुआती दौर में स्मोल-केप में निवेश ना करें
यदि आप म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश कर रहे है तो आपको लार्ज-केप और फ्लेक्सि-केप स्कीम पसंद करनी चाहिए. एक बार आप मैच्योर हो जाए, उसके बाद ही अपनी रिस्क-केपेसिटी के आधार पर स्मोल-केप या मिड-केप में निवेश करें, ऐसा शाह बताते है.
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