कोविड (Covid-19) टीकाकरण दूसरे चरण की वैक्सीनेशन की शुरुआत के साथ से देश में कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन करने वालों की संख्या अचानक बढ़ गई है. इससे साफ है कि वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में जो संदेह था वो काफी पीछे छूट चुका है.
कोवैक्सीन के प्रति लोगों के मन से संशय हुआ दूर इस बारे में लखनऊ के केजीएमयू के प्रोफेसर और उत्तर प्रदेश में नेशनल हेल्थ मिशन के ब्रांड अंबेसडर डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि पीएम मोदी के (Covid-19) वैक्सीन लगवाने के बाद से पूरे देश में कहीं कहीं लोगों में उत्साह बढ़ा है. सबसे अहम बात ये है कि कोवैक्सीन पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे थे, इसलिए जरूरी था कि लोगों के अंदर से इस संदेह को दूर किया जाए. लेकिन, कई बार संदेश बातों से नहीं बल्कि एक्शन से दिया जाता है. अब जब पीएम मोदी ने खुद पूरी तरह से भारत में बनी कोवैक्सीन लगवाई है, ऐसे में लोगों के अंदर अगर थोड़ा भी संदेह है तो दूर हो गया होगा. यह भी गौर करने वाली बात है कि लोगों में इसके साइड इफेक्ट को लेकर भी संशय था, लेकिन सभी ने देखा पीएम ने वैक्सीन भी मुस्कुराते हुए लगवाई.
कोविन ऐप पर बढ़ा रजिस्ट्रेशन उन्होंने बताया कि एक सर्वे के मुताबिक करीब 58 प्रतिशत लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर संशय था जो कि घटकर अब 36 प्रतिशत हो गया है. लोगों का वैक्सीन के प्रति उत्साह का आकलन इससे भी लगा सकते हैं कि हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि को-विन प्लेटफॉर्म पर अचानक से अत्यधिक संख्या में रजिस्ट्रेशन होने लगे हैं. अबतक लगभग 35 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया लिया है.
कोमोरबिडिटी वालों को भरना होगा फार्म डॉ. सूर्यकांत ने एक बार फिर लोगों से कहा कि कोई भी 45 साल से ऊपर वाले कोमोरबिडिटी वाले लोगों को सरकारी केंद्रों पर एक सर्टिफिकेट लेकर जाना होगा. इस बारे में उन्होंने बताया कि कोई आम बीमारी, बुखार, पुरानी खांसी आदि जो आए और चली जाए कोमोरबिडिटी में नहीं आती है. ऐसी बीमारी जिसे गंभीर माना गया है, जिसके साथ लंबे समय तक रहना पड़ेगा जैसे- कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज के मरीज आदि. इसके लिए 20 बीमारियों की सूची जारी की गई है. अगर कोई इसके अंतर्गत आते हैं तो एक फार्म भरना होगा. ये फॉर्म ऑनलाइन भी मौजूद है. इसे डाउनलोड करना होगा और जिस भी डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं, उनसे भरवाना होगा. लेकिन ध्यान रहे डॉक्टर रजिस्टर्ड होने चाहिए. इसे लेकर सेंटर पर जाना होगा.ये फॉर्म सरकारी अस्पताल में वैक्सीन लगवाने के लिए जरूरी है.
ये लोग नहीं लगवा सकते वैक्सीन उन्होंने बताया कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे वैक्सीन नहीं लगवा सकते हैं. क्योंकि 18 साल से कम उम्र वालों पर वैक्सीन का ट्रायल अभी तक नहीं हुआ है. दूसरा, वो महिलाएं जो बच्चे को स्तनपान करा रही हैं या गर्भवती हैं उन्हें भी वैक्सीन नहीं लगवानी है. तीसरे, वो लोग हैं जिन्हें किसी दवा या वैक्सीन आदि से एलर्जी है. लेकिन, एलर्जी छोटी नहीं बल्कि कोई ऐसा साइड इफेक्ट जिससे व्यक्ति की कभी जान पर बन आई हो, वो भी वैक्सीन नहीं लगवा सकते हैं. जैसे कई लोगों को पेनिसिलिन के टीके से भी एलर्जी होती है. इसके अतिरिक्त अगर किसी को वैक्सीनेशन के दिन बुखार आ जाए या कोई बीमारी अनियंत्रित हो गई है तो उस दिन वैक्सीन न लगवाएं.
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