एनडीएचएम (NDHM) पायलट के रूप में 6 केंद्र शासित प्रदेशों में से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 2,04,353, लक्षद्वीप में 19,569 लोगों को, लद्दाख में अब तक 57,460, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में 75,886 लोग, पुडुचेरी में 3,10,015 और चंडीगढ़ में 1,38,391 लोगों को हेल्थ आईडी जारी की जा चुकी है। यानी देश में कुल 8,05,674 लोगों को अपनी हेल्थ आईडी मिल चुकी है. यह कार्यक्रम देश के अन्य हिस्सों में योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा, हालांकि आपको बता दें राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) के तहत हेल्थ आईडी का निर्माण सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य नहीं है.
क्या है हेल्थ आईडी डिजिटल हेल्थ मिशन (NDHM) के जरिए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है. इस मिशन के तहत हर व्यक्ति की एक हेल्थ आईडी बनेगी. हेल्थ-आईडी बनाने का विकल्प चुनने पर, लाभार्थी का नाम, जन्म का वर्ष, लिंग, मोबाइल नंबर और पता एकत्र किया जाता है.
इस प्रणाली के अंतर्गत आईडी लेने वाले लोगों का व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल माध्यम से एक जगह पर एकत्र किया जाता है, ताकि भविष्य में अगर कोई बीमारी होती है तो एक क्लिक में उसकी मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर के सामने होगी.
इसमें डॉक्टरों, स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रयोगशालाओं जैसे विभिन्न स्वास्थ्य सूचना द्वारा उत्पन्न रिकॉर्ड्स को किसी भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ द्वारा उस व्यक्ति की सहमति से देखा जा सकता है। दरअसल इसके जरिए अगर कोई व्यक्ति डॉक्टर के पास जाता है तो डॉक्टर उसकी हेल्थ आईडी की मदद से यह जान लेगा कि उसने कब-कब डॉक्टर से दिखाया है. साथ ही उसने कब कौन सी दवाएं लीं, या कब कौन सा टेस्ट हुआ, उसकी रिपोर्ट आदि के बारे में तुरंत पता चल जाएगा और आगे के इलाज में मदद मिलेगी.
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