डेनमार्क (Denmark) और नॉर्वे (Norway) ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वायरस वैक्सीन (Oxford-AstraZeneca Coronavirus Vaccine) के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. डेनमार्क में वैक्सीन पर इसलिए रोक लगाई गई क्योंकि, वहां कुछ लोगों में ब्लड क्लॉट से जुड़े केस सामने आए. डेनमार्क हेल्थ अथॉरिटी ने गुरुवार को कहा कि वैक्सीनेशन करने वाले लोगों के बीच रक्त के थक्कों के कई मामलों आए हैं. इसलिए कम से कम 14 दिनों के लिए वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है.
डेनमार्क के अलावा नॉर्वे की हेल्थ अथॉरिटी ने भी इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोप के कम से कम 5 देशों ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के एक बैच के इस्तेमाल पर रोक लगाई है. इससे पहले वैक्सीनेशन के दौरान एक महिला की मौत के बाद ऑस्ट्रिया ने भी एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन (AstraZeneca vaccine) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था.
स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया कि AstraZeneca के कोरोना वैक्सीन का डोज लेने के बाद महिला की मौत होने की वजह से एहतियात के तौर पर वैक्सीनेशन अभियान को रोका गया है. संभावित साइड इफेक्ट्स को लेकर दूसरे लोगों की जांच की जा रही है.
एस्ट्राजेनेका ने दी सफाई एस्ट्राजेनेका ने मामले में अपनी सफाई दी है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा हमारी वैक्सीन में गुणवत्ता को लेकर कोई कोताही नहीं बरती गई है और कड़े मानदंडों का पालन किया गया है. हमारी वैक्सीन के साइड इफेक्ट के किसी गंभीर मामले की पुष्टि नहीं हुई है. हम ऑस्ट्रिया के अधिकारियों के संपर्क में हैं और जांच में पूरी मदद करेंगे. यूरोपियन मेडिकल एजेंसी ने कहा कि ऑस्ट्रिया में जो दो मामले सामने आए हैं उनका संबंध एस्ट्राजेनेका से है, इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं. एजेंसी ने कहा, एस्ट्रा जेनेका की वैक्सीन लेने वालों में ब्लड क्लॉट के जो मामले सामने आए हैं, वो उन लोगों से अलग नहीं है जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है. कुल 30 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई है और इनमें से 22 लोगों ने ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत है.
पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका ने भी लगाई थी रोक दक्षिण अफ्रीका ने अपने स्वास्थ्य कर्मियों को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका देने पर रोक लगा दी थी. यह फैसला परीक्षण के नतीजे आने के बाद लिया गया, जिसमें पाया गया कि टीका कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन पर प्रभावी नहीं है. दक्षिण अफ्रीका को एस्ट्राजेनेका टीके की पहली 10 लाख खुराक फरवरी के पहले हफ्ते में मिली थी और फरवरी के मध्य से स्वास्थ्य कर्मियों को टीका दिया जाना था. उससे पहले ही रोक लगा दी गई. इसके अलावा 4 और यूरोपियन देश एस्टोनियम, लताविया, लिथूनिया और लग्जम्बर्ग ने भी वैक्सीन के एक बैच को सस्पेंड कर दिया था. यही बैच यूरोप के 17 देशों में भेजा गया है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।