जल्द ही भारत में 3 और वैक्सीन (Vaccine) आ सकती हैं. ये तीनों वैक्सीन भी मेड-इन-इंडिया ही होंगी. डॉक्टर रेड्डीज लैब, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और बायोलॉजिकल ई (Biological E) जल्द ही फेज-3 के वैक्सीन ट्रायल का डाटा मंजूरी के लिए सौंप सकती हैं.
फिलहाल भारत में दो कोरोना वैक्सीन दी जा रही हैं – ऑक्सफोर्ड के साथ SII की मिलकर बनाई वैक्सीन कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की बनाई कोवाक्सिन. भारत में 16 जनवरी से शुरू हुई वैक्सिनेशन ड्राइव में 23 फरवरी तक 1.2 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा दी गई है, और दूसरे चरण के लिए भी सीनियर सिटिजन और गंभीर बीमारियों वालों के लिए वैक्सिनशन प्रोग्राम का ऐलान कर दिया गया है.
नई वैक्सीन को मंजूरी मिलने से दूसरे चरण के वैक्सिनेशन में तेजी मिल सकेगी. भारत ने अगस्त तक करीब 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है.
बायोलॉजिकल ई (Biological E) ने जॉनसन एंड जॉनसन और बेयलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के साथ करार किया है और जल्द ही कोविड-19 वैक्सीन (Vaccine) के फेज-3 के ट्रायल की शुरुआत करेगा.
डॉ रेड्डीज ने भी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से स्पुतनिक V को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी है. रूस की बनाई इस वैक्सीन ने कोविड के खिलाफ 91.6 फीसदी की क्षमता दिखाई है – ये फेज 3 ट्रायल रूस में ही 19,866 कैंडिडेट्स पर किया गया था.
वहींं SII भी कोविशिल्ड के अलावा एक और वैक्सीन (Vaccine) पर काम कर रहा है. SII अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स के साथ मिलकर भारत में वैक्सीन डेवलेप कर रहा है जो इस साल के पहली छमाही में ही आ सकता है.