Ayushman Card: अब आयुष्मान जन आरोग्य योजना कार्ड घर-घर जाकर बनाने के लिए अभियान की शुरुआत की गई है. ‘आयुष्मान कार्ड आपके द्वार’ अभियान के तहत निशुल्क कार्ड (Ayushman Card) बनाया जा रहा है. दरअसल इसका मकसद लाभार्थियों तक जल्द से जल्द इस कार्ड को मुहैया कराना है ताकि उन्हें इलाज में कोई दिक्कत न हो.
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) आपके द्वार अभियान की शुरुआत की है. गांव-गांव, शहर-शहर, ग्राम पंचायत यहां तक की खेत खलिहान में भी जाकर लाभार्थियों को तलाश कर कार्ड बनाया जा रहा है. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ आर एस शर्मा बताते हैं कि हमारा प्रयास है कि जो भी लाभार्थी आते हैं उन सब का कार्ड बने कोई छूट न जाए, एक प्रकार से उन्हें इलाज कराने के लिए मजबूती मिल सकें.
सभी लाभार्थियों को योजना के अंतर्गत लाने का प्रयास
उन्होंने बताया कि करीब 54 करोड़ लोग में साढ़े दस करोड़ परिवार हैं और उन परिवारों को पूरी तरह से इस योजना के अंतर्गत ला सकें, यानी कभी गंभीर बीमारी में उन्हें अपनी क्षमता से अधिक इलाज के लिए खर्च न करना पड़े. ऐसी स्थिति के लिए जरूरी है कि उनका कार्ड बने। इसके अलावा स्वास्थ्य के क्षेत्र में बढ़ोतरी हो.
अब तक देश में 12 करोड़ से अधिक ई-कार्ड
बता दें कि बीते 24 घंटे में इस योजना के तहत 8 लाख से अधिक लोगों का कार्ड बना है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड में जोर शोर से कार्ड बन रहा है. अभी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश के करीब 11 करोड़ परिवार को हर साल पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा मिलता है. अब तक देश में 12 करोड़ से अधिक ई-कार्ड बन चुके हैं.
बता दें कि दुनिया के सबसे बड़ा स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत 2018 में हुई. इस योजना के गरीब लोगों को भी बड़े अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा मिल रही है. इस कार्ड को बनवाने के लिए पहले 30 रुपए का शुल्क लगता था, जिसे सरकार ने माफ कर दिया है.