आज से अगले 5 दिन तक आपके पास 999 शुद्धता के सोने में निवेश करने का सुनहरा मौका है. भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार की ओर से जारी किये जाने वाले सोवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में आज से 21 मई तक आप निवेश कर सकते हैं, SGB में निवेश अलग-अलग ट्रांच में खुलता है और ये इस वित्त वर्ष का पहला ट्रांच है.
वित्त मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक मई 2021 से सितंबर 2021 के बीच छह ट्रांच में गोल्ड बॉन्ड जारी किया जाएगा. वित्त वर्ष 2021-22 का सीरीज-I 21 मई तक खुला है और बॉन्ड 25 मई को जारी होंगे.
अक्सर बॉन्ड जारी होने के पहले के 3 कारोबारी दिनों के औसत भाव पर गोल्ड बॉन्ड जारी होता है. इस बार बॉन्ड 4,777 रुपये प्रति ग्राम के भाव पर गोल्ड बॉन्ड जारी होगा. एक बॉन्ड एक ग्राम सोना दर्शाता है. यानी आपको कम से कम 1 ग्राम के सोने की कीमत अदा करनी होगी.
मंत्रालय ने कहा है कि गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) को ऑनलाइन खरीदने पर प्रति ग्राम सोने पर 50 रुपये की छूट मिलेगी. ऑनलाइन खरीदारी और डिजिटल मोड के जरिए पेमेंट करने पर ये डिस्काउंट मिलेगा. यानी अगर आप ऑनलाइन खरीदारी करते हैं तो आपको 4727 रुपये प्रति एक ग्राम की कीमत देनी होगी.
रिजर्व बैंक भारत सरकार की ओर से ये बॉन्ड जारी करता है. इनमें 8 साल का लॉक-इन होता है. आपको निवेश के साथ ही हर साल 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है.
एक बॉन्ड एक ग्राम गोल्ड को दर्शाता है. निवेश की कुल अवधि 8 साल होती है लेकिन निवेश के 5वें साल से इससे एक्जिट करने का विकल्प मिल जाता है.
SGB में कम से कम 1 ग्राम सोने का निवेश करना होता है. जबकि एक व्यक्ति या HUF अधिकतम 4 किलोग्राम सोने का सब्सक्रिप्शन ले सकता है. वहीं ट्रस्ट के लिए ये सीमा 20 किलोग्राम की है.
नवंबर 2015 में फिजिकल गोल्ड की डिमांड घटाने के लिए और गोल्ड खरीदारी की बजाय इसे फाइनेंशियल सेविंग्स में बदलने के लिए सोवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond) को लॉन्च किया गया था.
आप किसी भी बैंक के जरिए सोवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा आप पोस्ट ऑफिस, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज औक स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए भी SGB की खरीदारी कर सकते हैं. हालांकि, स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक में इसकी सुविधा नहीं होती.
इसके लिए वही KYC की प्रक्रिया होगी जो फिजिकल गोल्ड और ज्वेलरी खरीदने के लिए होती है.
सोने में निवेश का बेहतरीन तरीका माना जाने वाला ये विकल्प RBI की ओर से जारी किया जाता है. सोवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में 8 साल का लॉक-इन रहता है. मैच्योरिटी पर इसपर कोई टैक्स नहीं लगता. लेकिन इस बॉन्ड से सालाना मिलने वाले 2.5 फीसदी के ब्याज को आपकी आय में जोड़ा जाएगा और इनकम स्लैब के मुताबिक टैक्स लगेगा.
वहीं इनमें से 5वें साल से एक्जिट का विकल्प भी रहता है.
अगर आप इस बॉन्ड को 5 साल की अवधि से पहले सेकेंड्री मार्केट में बेचते हैं तो इसपर फिजिकल गोल्ड जैसे ही टैक्स लगेंगे.
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