भारतीय रिजर्व बैंक ने 24 मई से खुलने वाले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond – SGB) की दूसरी किस्त की कीमतों का ऐलान कर दिया है. शुक्रवार को दी जानकारी के मुताबिक, दूसरी किस्त में आप 4,842 रुपये प्रति ग्राम के भाव पर SGB में सोने की खरीदारी कर पाएंगे.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (SGB) 2021-22 की दूसरी सीरीज 24 मई से खुलेगी और आप 28 मई तक इस भाव पर सोना खरीद सकते हैं. इसके तहत आप 999 शुद्धता वाले सोने में निवेश कर सकते हैं.
हर सीरीज का भाव 3 दिन पहले के कारोबारी दिनों में सोने की कीमतों के औसत भाव के हिसाब से तय किया जाता है.
SGB में 8 साल का लॉक-इन होता है, हालांकि 5 साल बाद भी पैसे निकालने का विकल्प है.
गौरतलब है कि इससे पहले खुले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की पहली किस्त में 1 ग्राम के सोने का भाव 4,777 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया था. इस किस्त के तहत लोगों को 17 मई से 21 मई तक SGB में पैसा लगाने का मौका दिया गया था.
भारत सरकार ने मई 2021 से सितंबर 2021 के बीच सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की 6 किस्तें लाने का ऐलान किया है. ये बॉन्ड भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक जारी करता है.
अगर आप किसी डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में निवेश करते हैं तो आपको 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी. SGB में एक ग्राम के गोल्ड के बराबर के बॉन्ड जारी किए जाते हैं.
अगर आप SGB के लिए डिजिटल पेमेंट करते हैं तो आपको 1 ग्राम के लिए 4,792 रुपये ही देने होंगे.
आप किसी भी बैंक के जरिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा आप पोस्ट ऑफिस, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए भी SGB की खरीदारी कर सकते हैं. हालांकि, स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक में इसकी सुविधा नहीं होती.
इसके लिए वही KYC की प्रक्रिया होगी जो फिजिकल गोल्ड और ज्वैलरी खरीदने के लिए होती है.
रिजर्व बैंक भारत सरकार की ओर से ये बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) जारी करता है. इनमें 8 साल का लॉक-इन होता है. आपको निवेश के साथ ही हर साल 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है.
1 बॉन्ड एक ग्राम गोल्ड को दर्शाता है. निवेश की कुल अवधि 8 साल होती है, लेकिन निवेश के 5वें साल से इससे एग्जिट करने का विकल्प मिल जाता है.
SGB में कम से कम 1 ग्राम सोने का निवेश करना होता है. जबकि एक व्यक्ति या HUF अधिकतम 4 किलोग्राम सोने का सब्सक्रिप्शन ले सकता है. वहीं, ट्रस्ट के लिए ये सीमा 20 किलोग्राम की है.
नवंबर 2015 में फिजिकल गोल्ड की डिमांड घटाने के लिए और गोल्ड खरीदारी की बजाय इसे फाइनेंशियल सेविंग्स में बदलने के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond) को लॉन्च किया गया था.
सोने में निवेश का बेहतरीन तरीका माना जाने वाला ये विकल्प RBI की ओर से जारी किया जाता है. मैच्योरिटी पर इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है. लेकिन, इस बॉन्ड से सालाना मिलने वाले 2.5 फीसदी के ब्याज को आपकी आय में जोड़ा जाएगा और इनकम स्लैब के मुताबिक टैक्स लगेगा.
अगर आप इस बॉन्ड को 5 साल की अवधि से पहले सेकेंडरी मार्केट में बेचते हैं तो इस पर फिजिकल गोल्ड जैसे ही टैक्स लगेंगे.
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