साल 2023 में भारत का चांदी आयात 63 फीसद से ज्यादा की गिरावट के साथ 3,475 टन रह गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में रिकॉर्ड 9,450 टन चांदी का आयात हुआ था. व्यापारियों को साल 2024 में चांदी की मांग वापस आने की उम्मीद है. 2022 में चांदी के आयात में सालाना आधार पर 241 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. साल 2020 और 2021 में कोरोना महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के चलते सोने-चांदी के आयात में गिरावट दर्ज की गई थी.
2023 में भाव ऊंचा होने से घटा आयात
कारोबारियों के मुताबिक अक्टूबर 2023 में भारत ने 1,829 टन चांदी का आयात किया था, जो कि 2013 के बाद से एक महीने में किया गया सबसे ज्यादा आयात है. 2023 के बाकी के बचे हुए महीनों में चांदी का आयात सिर्फ 1,645 टन हुआ था. चांदी एक प्राइस सेंसेटिव कमोडिटी है. भाव कम होने पर इसकी मांग और आयात में बढ़ोतरी हो जाती है. उनका कहना है कि साल 2023 में भारतीय मुद्रा में चांदी का दाम बढ़ने की वजह से इसके आयात में गिरावट दर्ज की गई है.
अगस्त 2022 में 46,000 रुपये प्रति किलोग्राम के निचले स्तर से अप्रैल 2023 में चांदी का भाव 68,000 रुपये के ऊपर पहुंच गया. साल 2023 में ज्यादातर समय चांदी का भाव 55,000 रुपये के ऊपर दर्ज किया गया है. कारोबारी अनुमान के मुताबिक भारत में चांदी की सालाना मांग 6,000 टन है और उस मांग में चांदी की ज्वैलरी की हिस्सेदारी करीब 35 फीसद है. अनुमान के मुताबिक चांदी की सालाना मांग में ज्वैलरी के बाद निवेश की 26 फीसद, उद्योग की 20 फीसद, और चांदी के बर्तन की 18 फीसद हिस्सेदारी है.
बुलियन विशेषज्ञों के मुताबिक ऊंची कीमतों की वजह से साल 2023 में भारतीय बाजार में चांदी की निवेश मांग में 40-45 फीसद की गिरावट दर्ज की गई. आभूषण और चांदी के बर्तन निर्माण क्षेत्रों की मांग में गिरावट की वजह से चांदी के कुल मांग पर असर पड़ा है.