भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को बिना आयात शुल्क का भुगतान किए सोना आयात (Gold Import) करने की अनुमति दी है. सरकार का लक्ष्य केंद्रीय बैंक के लिए सोने के आयात की लागत को कम करना है. इसका असर घरेलू सोना बाजार पर भी पड़ेगा, क्योंकि इससे आपूर्ति में बढ़ोतरी हो सकती है और कीमतों में कमी आ सकती है.
सरकार ने मंगलवार देर रात एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी. इसमें कहा गया है कि भारत ने आरबीआई को सोना आयात करने में रियायत दी है. माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले का असर देश के चालू खाते के घाटे और समग्र आर्थिक स्थिरता पर भी पड़ेगा. सोने के आयात की लागत को कम करके सरकार व्यापार घाटे को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है.
आरबीआई के पास कितना है सोना?
आयात शुल्क में छूट के बावजूद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सोने के उपभोक्ता देश से सोना आयातकों को मूल सीमा शुल्क और एआईडीसी का भुगतान करना होगा. बता दें सितंबर 2023 तक भारतीय रिजर्व बैंक के पास 800.79 मीट्रिक टन सोना था, जिसमें 39.89 टन सोने का भंडार भी शामिल था. आरबीआई की नवीनतम रिजर्व प्रबंधन रिपोर्ट के अनुसार इसमें से 388.06 टन सोना विदेशों में और 372.84 टन घरेलू स्तर पर रखा गया है.
सोने की मांग कम करने की कोशिश
भारत के सोने के आयात नियमों से पता चलता है कि सरकार ने सोने के आयात पर अंकुश लगाने के लिए आयात शुल्क बढ़ाने जैसे कई उपाय किए हैं. इन उपायों से भारतीयों के बीच सोने की मांग को कम करने में सीमित सफलता मिली है, मगर अभी भी व्यापक उपाय किए जाने बाकी है. भारत की सोने की मांग पूरी तरह से आयात से पूरी होती है. हाल के वर्षों में सोने के आयात में वृद्धि देखी गई है, जिससे चालू खाते घाटे पर दबाव बढ़ गया है. उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2023 में सोने का आयात साल-दर-साल 95% बढ़ गया, जो कुल 7.23 बिलियन डॉलर था. उस महीने देश के व्यापारिक घाटे में भारी बढ़ोतरी हुई.