सोने की शुद्धता को कैरेट में मापा है जाता है. शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है जो बहुत ही मुलायम होता है. जाहिर है 24 कैरेट सोने से ज्वेलरी नहीं बनाई जातीं. इस ज्वेलरी को मजबूती देने के लिए सोने में अन्य धातुएं मिलाई जाती हैं. आमतौर पर लोगों को नहीं पता होता कि कैरेट के हिसाब से गोल्ड की शुद्धता क्या होती है? ऐसे में ज्वेलरी खऱीदने से पहले सोने की शुद्धता के बारे में पता कर लेना चाहिए.
कैरेट के हिसाब से सोने की शुद्धता गहनों के अलावा सोने के सिक्कों, बार में भी लागू होती है. ज्यादा कैरेट होने से सोने की शुद्धता ज्यादा होती है. इसी आधार पर इसकी कीमत भी तय की जाती है. मुख्य रूप से 24, 22, 18 और 14 कैरेट सोने की ही ज्वेलरी बनाई जाती है. इनमें 24 कैरेट सोना 100 फीसद शुद्ध होता है. इसमें कोई दूसरी धातु नहीं मिली होती है. स्थानीय बाजार में इसे 99.9 फीसद शुद्ध के तौर पर जाना जाता है. 24 कैरेट का सोना 22 या 18 कैरेट सोने से ज्यादा महंगा होता है. यह मुलायम और लचीला होता है और इसीलिए ज्वेलरी बनाने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं होता. ज्वेलरी बनाने के लिए अधिकतर 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है. इस सोने में धातु के 22 भाग सोना होता है और बाकी दो हिस्सा सिल्वर, जिंक, निकल और दूसरी मिश्रित धातुएं होती हैं. यह सोना 91.67 फीसद शुद्ध होता है. मिश्रित धातुओं के होने से यह कठोर बन जाता है और इसलिए इसे ज्वेलरी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.
कैरेट के हिसाब से कीमत
आजकल बाजार में 18 कैरेट सोने का ट्रेंड बढ़ रहा है. इस सोने में 75 फीसद सोना और 25 फीसद दूसरी धातुएं मिली होती हैं. 14 कैरेट सोने में 58.5 फीसदी शुद्ध सोना और बाकी दूसरी धातुओं का मिश्रण होता है. नियमों के तहत कैरेट के हिसाब से सोने की कीमत तय होती है. उदाहरण के लिए अगर 24 कैरेट सोने का भाव 60,000 रुपए प्रति 10 ग्राम है तो 18 कैरेट ज्वेलरी का भाव 75 फीसद के हिसाब से 45,000 रुपए प्रति 10 ग्राम होना चाहिए. इसीलिए जब भी गोल्ड ज्वेलरी खरीदें तो उसकी शुद्धता के बारे में जरूर पता कर लें. इसके लिए सरकार ने ज्वेलरी पर हॉलमार्क अनिवार्य कर रखा है. ठगी से बचने के लिए हॉलमार्क ज्वेलरी ही खरीदें.