मुक्त व्यापार समझौते के तहत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से रियायती सीमा शुल्क पर एक निर्दिष्ट मात्रा में सोना आयात करने का वैध लाइसेंस रखने वाले भारतीय जौहरी आईआईबीएक्स सर्राफा एक्सचेंज के जरिए सोने का आयात कर सकते हैं. एक सरकारी अधसूचना में यह जानकारी दी गई है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि वे कंपनियां प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुसार विशेष आर्थिक क्षेत्रों में स्थित आईएफएससीए (अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण) पंजीकृत वॉल्ट के माध्यम से खेप की भौतिक डिलिवरी प्राप्त कर सकती हैं.
मई, 2022 में लागू हुए, भारत-यूएई मुक्त व्यापार समझौता के टीआरक्यू (टैरिफ दर कोटा) प्रावधानों के तहत घरेलू आयातकों को सोने की एक निर्दिष्ट मात्रा के आयात के लिए एक प्रतिशत शुल्क रियायत मिलती है. डीजीएफटी आयात के लिए कंपनियों को टीआरक्यू प्रमाणपत्र प्रदान करता है और उन्हें आईएफएससीए द्वारा अधिसूचित भी किया जाता है. डीजीएफटी ने कहा कि आईएफएससीए द्वारा अधिसूचित वैध भारत यूएई टीआरक्यू धारक टीआरक्यू के बदले आईआईबीएक्स के माध्यम से सोने का आयात कर सकते हैं और एसईजेड में स्थित आईएफएससीए पंजीकृत वॉल्ट के माध्यम से इसकी भौतिक डिलिवरी प्राप्त कर सकते हैं.
इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफएससी लिमिटेड (आईआईबीएक्स) को जुलाई, 2022 में शुरू किया गया था. आईआईबीएक्स को एनएसई, इंडिया आईएनएक्स (बीएसई की सहायक कंपनी), एनएसडीएल, सीडीएसएल और एमसीएक्स जैसे भारत के अग्रणी बाजार बुनियादी ढांचा संस्थानों द्वारा प्रवर्तित किया जाता है. आईआईबीएक्स, गांधीनगर के गिफ्ट आईएफएससी में स्थापित है और यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण द्वारा विनियमित है.
एक्सचेंज की संकल्पना भारत में सर्राफा आयात के लिए प्रवेश द्वार प्रदान करने और सर्राफा व्यापार, सर्राफा वित्तीय उत्पादों में निवेश और आईएफएससी में वॉल्टिंग सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए एक विश्वस्तरीय सर्राफा विनिमय पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए की गई है. आईएफएससीए की स्थापना अप्रैल, 2020 में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम, 2019 के तहत की गई थी. इसका मुख्यालय ‘गिफ्ट’ सिटी, गांधीनगर में है. मौजूदा समय में गिफ्ट आईएफएससी, भारत में पहला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है.