Gold Hallmarking: सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग का तीसरा चरण 16 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के 55 जिलों में लागू हो गया है. सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. कीमती धातु की शुद्धता के प्रमाण के तौर पर हॉलमार्किंग 16 जून, 2021 तक स्वैच्छिक रूप से लागू थी. उसके बाद सरकार ने चरणबद्ध तरीके से सोने की हॉलमार्किंग को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्णय लिया.
वर्तमान में, देश के कुल 343 जिलों में हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया जा चुका है. हॉलमार्किंग के पहले चरण की शुरुआत 23 जून, 2021 को हुई थी जिसमें 256 जिले शामिल थे. दूसरा चरण चार अप्रैल 2022 को शुरू हुआ था, जिसमें 32 अन्य जिलों को शामिल किया गया था. अब इसका तीसरा चरण शुरू हो गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के तीसरे चरण के कार्यान्वयन के लिए आठ सितंबर को आदेश अधिसूचित कर दिया गया.
बयान के मुताबिक सोने के गहनों की अनिवार्य हॉलमार्किंग का तीसरा चरण 16 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 55 अतिरिक्त नए जिलों को कवर करेगा. इसके अंतर्गत बिहार में पूर्वी चंपारण सहित आठ जिलों के साथ आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र के पांच-पांच जिले और तेलंगाना के चार जिले शामिल किए गए हैं. इसके साथ हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक और तमिलनाडु में तीन-तीन जिले जबकि असम, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में दो-दो जिले शामिल होंगे. राजस्थान के एक जिले जालोर में भी इसे लागू किया गया है.
सोने की हॉलमार्किंग के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने पिछले दो चरणों में इसे सफलतापूर्वक लागू किया है. हर दिन चार लाख से अधिक स्वर्ण उत्पादों को हॉलमार्क विशिष्ट पहचान (एचयूआईडी) के साथ हॉलमार्क किया जा रहा है. मंत्रालय ने कहा कि अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू किए जाने के बाद से पंजीकृत आभूषण विक्रेताओं की संख्या 34,647 से बढ़कर 1,81,590 हो गई है, जबकि परख और हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) 945 से बढ़कर 1,471 हो गए हैं.