भारत में सोने (Gold) में निवेश का ट्रेंड पुराना है और सोने की खपत की रफ़्तार को देखते हुए इसका आयात भी बड़ी मात्रा में होता है. वहीं सरकार ने अब कुछ गोल्ड ज्वेलरी और आर्टिकल के आयात को लेकर नया फरमान जारी कर दिया है, जिसका असर यह होगा कि उसका इंपोर्ट कम हो सकता है. दरअसल, सरकार ने सोने के गहनों और आर्टिकल के इंपोर्ट पर कुछ पाबंदी लगा दी है. सरकार के इस फैसले के बाद इंपोर्टर्स को इसके आयात के लिए लाइसेंस हासिल करना होगा. सरकार के इस फैसले से गैर जरूरी वस्तुओं के इंपोर्ट में कमी आएगी. इसके अलावा व्यापार घाटे पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा.
डीजीएफटी ने जारी किया नोटिफिकेशन
डीजीएफटी ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि गोल्ड ज्लैवरी और आर्टिकल पर इंपोर्ट की पॉलिसी को तत्काल प्रभाव से संशोधित कर दिया है. DGFT के नोटिफिकेशन के मुताबिक संशोधित पॉलिसी में तत्काल प्रभाव से गोल्ड ज्वैलरी और अन्य गोल्ड आर्टिकल के इंपोर्ट को फ्री से पाबंदी की कैटेगरी में कर दिया गया है. हालांकि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा है कि भारत-यूएई मुक्त व्यापार समझौते के तहत आयात पर संशोधित नियम लागू नहीं होंगे.
सरकार ने क्यों उठाया ये कदम?
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान मोतियों, मूल्यवान रत्नों का आयात 25.36 फीसद घटकर करीब 4 अरब डॉलर दर्ज किया गया था, जबकि इसी अवधि में सोने का आयात भी तकरीबन 40 फीसद घटकर 4.7 अरब डॉलर रहा है. वहीं चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान कुल व्यापारिक आयात 10.24 फीसद घटकर 107 अरब डॉलर दर्ज किया गया था. अप्रैल-मई 2023 में व्यापारिक व्यापार घाटा 37.26 अरब डॉलर रहा है, जबकि अप्रैल-मई 2022 में यह आंकड़ा 40.48 अरब डॉलर का था. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान कुछ खास गोल्ड ज्वैलरी का इंपोर्ट 110 मिलियन डॉलर से ज्यादा रहा है, इनमें से अकेले इंडोनेशिया से 76.28 मिलियन डॉलर की गोल्ड ज्वैलरी का इंपोर्ट हुआ है. इंडोनेशिया के अलावा यह इंपोर्ट संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका जैसे देशों से हुआ था. इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौते के तहत इंडोनेशिया से ड्यूटी फ्री गोल्ड के इंपोर्ट में बढ़ोतरी हुई है.