केंद्र सरकार ने सोने और चांदी के इंपोर्ट पर सख्ती बढ़ा दी है. अब सोने-चांदी से बने सामान तथा सिक्कों पर भी 15 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी. पहले यह दर 10 फीसद थी. वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सोने-चांदी के सामान और सिक्कों पर 10 फीसद बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) और 5 फीसद एग्रीकल्चर सेस (कृषि अवसंरचना विकास उपकर) लगेगा…अधिसूचना के अनुसार नई दरें 22 जनवरी से प्रभावी हो गईं हैं. सामाजिक कल्याण अधिभार (एसडब्ल्यूसी) को इससे छूट है.
मंत्रालय ने कीमती धातुओं वाले प्रयुक्त उत्प्रेरकों पर भी आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एसडब्ल्यूएस से छूट के साथ 10 मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) और 4.35 प्रतिशत एआईडीसी (कृषि अवसंरचना विकास उपकर) सहित शुल्क को बढ़ाकर 14.35 प्रतिशत कर दिया गया है.
जीजेईपीसी ने जेम्स-ज्वैलरी आयात पर ड्यूटी घटाने की मांग की
दूसरी ओर रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने सरकार से सोने और कटे व पॉलिश हीरे (सीपीडी) पर आयात शुल्क कम करने का आग्रह किया है ताकि क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिल सके. भारत का रत्न और आभूषण उद्योग सोने, हीरे, चांदी और रंगीन रत्नों सहित कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है. जीजेईपीसी कीमती धातुओं पर आयात शुल्क को मौजूदा 15 H से घटाकर चार प्रतिशत करने की मांग कर रही है. इसमें सीपीडी पर सीमा शुल्क को मौजूदा पांच प्रतिशत से घटाकर 2.5 फीसद करने की मांग की गई है.
जीजेईपीसी ने कहा कि यह भारतीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) से जुड़े हीरा निर्यातकों को उनके बड़े समकक्षों के साथ समान अवसर प्रदान करेगा, हीरा कारोबारियों को हीरा खनन गंतव्यों में निवेश से रोकेगा और कारखानों में हीरे के वर्गीकरण और बिना तराशे हीरे के प्रसंस्करण के मामले में अधिक रोजगार प्रदान करेगा. परिषद ने सरकार से सेफ हार्बर नियम के माध्यम से विशेष अधिसूचित क्षेत्रों (एसएनजेड) में कच्चे हीरों की बिक्री की लंबे समय से लंबित मांग पर विचार करने और एसएनजेड के माध्यम से संचालन के लिए पात्र संस्थाओं के दायरे का विस्तार करने का आग्रह किया है.
Published - January 23, 2024, 01:45 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।