सोने की खरीद के मामले में साल 2023 के दौरान चीन ने कई देशों को पछाड़ा है. चाहे चीन के केंद्रीय बैंक हों, ईटीएफ हों या फिर एक्सचेंज से सोने की डिलीवरी हो, हर जगह सोने की मांग बढ़ी है. चीन की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती और अमेरिकी करेंसी डॉलर पर निर्भरता को कम करने के मकसद से चीन की ओर से सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग में इजाफा देखा जा रहा है. इसके अलावा भूराजनीतिक तनाव को भी देखते हुए सोने की निवेश मांग बढ़ी है.
चीन के केंद्रीय बैंक की बात करें तो 2022 के अंत में उसके रिजर्व में जितना सोना था, उसके मुकाबले 2023 के अंत में 11 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) ने 2023 के दौरान 225 टन सोने की खरीद की है और उसका कुल गोल्ड रिजर्व बढ़कर 2,235 टन हो गया है. 2022 के अंत में चीन के केंद्रीय बैंक का गोल्ड रिजर्व 2010 टन हुआ करता था. चीन के आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 4.3 फीसद है. वहीं बीते 14 महीने में चीन में गोल्ड का रिजर्व 287 टन बढ़ा है.
चीन में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स ने भी 2023 के दौरान जमकर अपनी गोल्ड होल्डिंग बढ़ाई है. 2023 के दौरान चीन के गोल्ड ईटीएफ ने कुल 10 टन सोने की खरीद की है और उनकी कुल होल्डिंग बढ़कर 61.5 टन हो गई है. 2022 के मुकाबले इसमें 19 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साल 2023 में चीन के गोल्ड ईटीएफ में 654 मिलियन डॉलर का निवेश आया था और 2023 के आखिर तक चीन के गोल्ड ईटीएफ का AUM 4 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच गया है.
WGC के मुताबिक भूराजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की सोने में खरीद और अधिकतर बड़े केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती से भी सोने की मांग में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 2023 में डॉलर टर्म में सोने ने 14 फीसद का रिटर्न दिया है और RMB पर शंघाई गोल्ड बेंचमार्क प्राइस पीएम (SHAUPM) 17 फीसद बढ़ा है.