वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, जिसके चलते भारत में शादी के सीजन में इसकी खपत कम हो सकती है. सोना महंगा होने की वजह से लोग बड़े पैमाने में इसकी खरीदारी करने से बच रहे हैं. हालांकि सोने के शीर्ष खरीदार चीन में इस साल मजबूत मांग देखी जा सकती है. विश्लेषकों का मानना है कि कीमतों में बढ़ोतरी भले ही थोड़े समय के लिए बिक्री को प्रभावित किया है, लेकिन कुछ समय बाद मांग बढ़ेगी. हांगकांग में विंग फंग प्रेशियस मेटल्स के डीलिंग प्रमुख पीटर फंग का कहना है कि लोगों को बढ़े हुए स्तरों की आदत हो जाएगी, जिससे खरीदारी में इजाफा होगा.
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सोने के उपभोक्ता और प्रमुख आयातक भारत में पीली धातू की घरेलू कीमतें बढ़कर रिकॉर्ड 65,587 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है. कीमतों में वृद्धि के कारण मांग में गिरावट आई है. जिसके कारण डीलरों को आधिकारिक घरेलू कीमतों पर लगभग 14 डॉलर प्रति औंस की छूट की पेशकश करनी पड़ी, जिसमें 15% आयात और 3% बिक्री शुल्क शामिल है.
क्या है विशेषज्ञों की राय?
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी ने एक इंटरव्यू में कहा कि उपभोक्ता मौजूदा मूल्य स्तरों को देखते हुए ज्यादा खरीदारी करने की हालत में नहीं है. अगर कीमतें इतनी ज्यादा रहीं, तो यह मौजूदा शादी के मौसम के दौरान यह मांग को प्रभावित करेगा. ऐसे में बैंकों और रिफाइनर्स के पास आयात करने का कोई कारण नहीं है. इस सिलसिले में मुंबई स्थित सोने के एक थोक विक्रेता का कहना है कि स्क्रैप की आपूर्ति बढ़ रही है. जिन उपभोक्ताओं को खरीदारी की ज़रूरत है, वे पुराने आभूषणों के बदले नए गहने ले रहे हैं.
पेपर गोल्ड में बढ़ी ज्यादा दिलचस्पी
अमेरिकी मौद्रिक सहजता के चलते गोल्ड बेंचमार्क स्पॉट कीमतें गुरुवार को 2,164.09 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई. ऐसे में ट्रेजरी बांड और डॉलर जैसी प्रतिस्पर्धी एसेट के विपरीत निवेशक पेपर गोल्ड या डिजिटल गोल्ड में निवेश में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं.