सोने की कीमतें दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. मध्य पूर्व और यूक्रेन में युद्ध सहित बिगड़ते भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती में देरी की संभावना ने निवेश के रूप में सोने की मांग कम कर दी है. मगर इस रैली की अहम वजह चीन में मांग का सबसे ज्यादा बढ़ना है. आंकड़ों के अनुसार चीन में सोने के आभूषणों की मांग 10% बढ़ी है, वहीं बार और सिक्का निवेश में 28% की वृद्धि हुई है. जबकि भारत की बात करें तो यहां सोने की मांग में 6% गिरावट आई है.
इस साल सोना 2,400 डॉलर प्रति औंस से ऊपर अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है, जिसने वैश्विक बाजारों का ध्यान खींचा है. खुदरा खरीदार, फंड निवेशक, वायदा व्यापारी और केंद्रीय बैंक अनिश्चित समय में इस तेजी को मूल्य भंडार के रूप में देखते हैं.
आमतौर पर चीन और भारत को सोने का सबसे बड़ा खरीदार माना जाता है, लेकिन पिछले साल इसमें बदलाव आया क्योंकि आभूषणों, बारों और सिक्कों की चीनी खपत भारत के मुकाबले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. अभी इसकी मांग और बढ़ने की गुंजाइश है. हांगकांग स्थित सलाहकार प्रीशियस मेटल्स इनसाइट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक फिलिप क्लैपविज्क का कहना है कि चीन में निवेश के विकल्प सीमित हैं. प्रॉपर्टी क्षेत्र में लंबे समय तक संकट है वहीं अस्थिर शेयर बाजार और कमजोर युआन ने भी विकल्प को खत्म कर दिया है. ऐसे में निवेशक सोने को सुरक्षित मान रहे हैं.
चीन किसी भी अन्य देश की तुलना में ज्यादा सोने का खनन करता है, फिर भी इसे बहुत ज्यादा आयात करना पड़ता है. पिछले कुछ समय से इसकी मात्रा बढ़ती जा रही है. पिछले दो वर्षों में, विदेशी खरीद कुल 2,800 टन से अधिक हुई है, जो दुनिया भर में एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों का समर्थन करने वाली सभी धातुओं व अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से रखे गए भंडार के लगभग एक तिहाई से ज्यादा है. चीन के चंद्र नववर्ष से पहले आयात में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई. साल के पहले दो महीनों में यह 2023 की तुलना में 53% अधिक है.
गोल्ड की कीमतों में आई रिकॉर्ड तेजी का दुनिया में अगर किसी एक संस्था को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वह संस्था चीन का केंद्रीय बैंक है. चीन का केंद्रीय बैंक बीते 17 महीने से लगातार सोने का खरीदार बना हुआ है. उसने इस खरीद की शुरुआत 2022 के नवंबर में की थी और तब से लेकर अबतक चीन का केंद्रीय बैंक 314 टन सोने की खरीद कर चुका है. 2022 के नवंबर में जब चीन के केंद्रीय बैंक ने सोने की खरीद शुरू की थी तो उस समय विदेशी बाजार में गोल्ड का भाव 1700 डॉलर के करीब हुआ करता था. अब भाव बढ़कर 2400 डॉलर के करीब है.
भारत के केंद्रीय बैंक RBI ने भी सोने की खरीद बढ़ाई है लेकिन चीन के केंद्रीय बैंक के मुकाबले भारतीय रिजर्व बैंक की गोल्ड खरीद बहुत कम है. भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च में 5 टन सोना खरीदा है और 2024 के पहले 3 महीने में RBI की कुल गोल्ड खरीद 19 टन रही है. 2023 में पूरे साल RBI ने सिर्फ 16 टन सोने की खरीद की थी.
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