अगर आपने भी निवेश के लिहाज सोना लिया था और उसे घर में रखा है तो अब वक्त बदल रहा है. सोना सिर्फ निवेश ही नहीं, बल्कि कमाई का भी जरिया बन गया है. जब आपने सोना लिया था, तब और आज के रेट में बड़ा अंतर होगा. इसका मतलब आपको रिटर्न तो बढ़िया मिल ही गया. अब वक्त है डबल कमाई करने का. सरकार की स्कीम से पैसा कमाने का मौका.
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम सरकार ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम से आप सोने पर कमाई कर सकते हैं. सोने का भाव बढ़ने का फायदा तो आपको मिलेगा ही, साथ ही रिटर्न का भी फायदा मिलेगा. सरकार सोना रखने पर इसके बदले में ब्याज देती है. जरूरत पड़ने पर इसे वापस भी ले सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने हाल ही में गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम से जुड़े नियमों में बदलाव किया है.
नियमों में हुआ बदलाव अभी इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए सोने को बैंक में जमा करने की न्यूनतम मात्रा पहले 30 ग्राम थी, जिसे घटाकर 10 ग्राम कर दिया गया है. नया मामला ये भी है कि सरकार ने अब गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में ज्वेलर्स को भी शामिल करने का फैसला किया है. इसके अतिरिक्त अब सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक भी इस स्कीम में हिस्सा ले सकते हैं. इस स्कीम के तहत लोग घर में रखे सोने को बैंक में जमा करके उससे ब्याज ले सकते हैं.
कुछ अवधि तक जमा करना होगा सोना इसके अलावा मध्यम अवधि में 5 से 7 साल के लिए और लंबी अवधि के लिए 12 साल के लिए सोना जमा किया जा सकता है. अभी इस स्कीम को लेकर विस्तृत गाइडलाइंस आना बाकी है. ऐसे में आप 5 साल बाद भी सोना वापस ले सकते हैं. हालांकि, आपको बता दें कि इस स्कीम में जब सोना मिलता है तो वो ज्वैलरी फॉर्म में नहीं मिलेगा.
आपकी ज्वैलरी को गलाकर सोने के बिस्किट या सिक्के के रुप में सोना दिया जाएगा. दरअसल, इस स्कीम में सरकार आपकी ज्वैलरी को गलाकर उस सोने का अर्थव्यवस्था में काम में लेती है और इसके बदले आपको ब्याज मिलता है और ज्वैलरी के वजन जितना सोना कुछ सालों बाद वापस कर दिया जाता है.
लॉकर लेने की जरूरत नहीं इस स्कीम के तहत आप घर की तिजोरी में बंद पड़े सोने (Gold) को बैंक में जमा करके उस पर ब्याज ले सकते हो. खास बात है कि इस स्कीम के तहत सोना रखने के लिए बैंक में लॉकर लेने की जरूरत नहीं है. आपके सोने को बैंक खुद ही संभाल कर रखेगा और उस पर ब्याज देगा. बैंकों की बात करें तो देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) सोने को लेकर पूनर्चित स्वर्ण जमा योजना (R-GDS) चला रहा है जो एक तरह की डिपॉजिट जमा योजना है.
किस रूप में मिलेगा ब्याज वहीं, MTGD और LTGD में तत्कालिक स्वर्ण मूल्य के हिसाब से राशि दी जाती है या स्वर्ण के मूल्य के समान राशि में, भारतीय रुपयों में दिया जाता है. स्टेट बैंक के मुताबिक, इस योजना के तहत जमा पर ब्याज उस तारीख से लगाना शुरू होगा जब से जमा किए गए स्वर्ण को साफ करने के बाद खरीद-फरोख्त योग्य सोने की छड़ में बदला जाता है या स्वर्ण प्राप्त करने पर, दोनों में से जो भी पहले हो.
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