देश के गोल्ड (Gold) इंपोर्ट में गिरावट आई है. 2020-21 में अप्रैल से फरवरी के बीच देश में सोने का आयात 3.3 फीसदी गिरकर 26.11 अरब डॉलर पर आ गया है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से इस बात की जानकारी मिली है. देश के करेंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) पर सोने (Gold) के आयात का बुरा असर पड़ता है. 2019-20 में अप्रैल से फरवरी के बीच देश में सोने का आयात 27 अरब डॉलर रहा था.
गोल्ड (Gold) इंपोर्ट में गिरावट से देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिली है. मौजूदा फिस्कल के पहले 11 महीनों में देश का व्यापार घाटा 84.62 अरब डॉलर रहा है जो कि एक साल पहले 151.37 अरब डॉलर पर था.
भारत दुनिया में सोने का सबे बड़ा आयातक है. देश में मोटे तौर पर ज्वैलरी की डिमांड पूरी करने के लिए सोने (Gold) का आयात होता है. वॉल्यूम के संदर्भ में बात करें तो देश सालाना 800-900 टन सोने का आयात करता है.
एक्सपोर्ट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस बजट में सोने (Gold) पर इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया है. हालांकि, इस पर 2.5 फीसदी की दर से इंफ्रास्ट्रक्चर और डिवेलपमेंट सेस भी लगता है.
अप्रैल से फरवरी 2020-21 के दौरान देश का जेम्स एंड ज्वैलरी निर्यात 33.86 फीसदी गिरकर 22.40 अरब डॉलर पर आ गया है. आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में सोने का आयात उछलकर 5.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया है जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 2.36 अरब डॉलर था. पिछले साल अप्रैल से लेकर इस साल फरवरी तक 11 महीनों में चांदी का आयात 70.3 फीसदी गिरकर 78.07 करोड़ डॉलर रह गया है.
भारत में पारंपरिक तौर पर सोने (Gold) की खरीदारी का ट्रेंड रहा है. मूल रूप में देश में शादियों के दौरान गोल्ड ज्वैलरी की जमकर खरीदारी होती है. इसके अलावा, यह ग्रामीण इलाकों में मुश्किल वक्त के लिए एक पूंजी के साधन के तौर पर देखा जाता है. सोने (Gold) की लिक्विडिटी भी एक बड़ी वजह है कि भारत में लोग सोने (Gold) की खरीदारी को तरजीह देते हैं.
Published - March 21, 2021, 03:03 IST
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