भारत में गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) की मांग बढ़ी है. ICRA एनालिटिक्स से यह जानकारी मिली है. ETF को सुरक्षित निवेश विकल्प माना जा रहा है. इसके अलावा आकर्षक रिटर्न और ETF द्वारा दी जाने वाली सुविधा ने भी देश में ETF की मांग बढ़ा दी है.
क्यों बढ़ रही मांग
ICRA एनालिटिक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मार्केट डेटा प्रमुख अश्विनी कुमार ने कहा, “गोल्ड ETF (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) में निवेश की भूख बढ़ रही है. इस कड़े नियमों के चलते सुरक्षित निवेश माना जा रहा है. “इसके अलावा, इन ETF की एक बड़ी संख्या ने एक साल में 18 फीसद से अधिक का असाधारण रिटर्न दिया है. इन सभी कारणों ने ETF मांग को बढ़ाया है.
गोल्ड ETF का इन्फलो
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान गोल्ड ETF में लगभग 2,028.05 करोड़ रुपये का इन्फ्लो देखा गया है.
खरीदने की लागत कम
अश्विनी कुमार ने कहा कि “गोल्ड ETF तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित हैं क्योंकि इनपर सख्त नियमों लागू होते हैं. इनका वास्तविक समय के आधार पर एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है. “इसके अलावा, ETF में सोने की कीमत और इसका रिटर्न फिजिकल गोल्ड के बराबर है. साथ ही गोल्ड ETF को खरीदने की लागत फिजिकल गोल्ड खरीदने की तुलना में कम है.”
कितना बढ़ा एसेट अंडर मैनेजमेंट
31 मार्च, 2024 तक गोल्ड ETF के तहत एसेट अंडर मैनेजमेंट लगभग 37 फीसद बढ़कर 31,224 करोड़ रुपये हो गई. जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 22,737 करोड़ रुपये थी. AMFI के आंकड़ों के अनुसार, 30 अप्रैल, 2024 तक, गोल्ड ETF के तहत एसेट अंडर मैनेजमेंट 43 फीसद बढ़कर 32,789 करोड़ रुपये हो गया. जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 22,950 करोड़ रुपये था.