दुनियाभर में महंगाई के खिलाफ लड़ाई में महंगे होते कर्ज की वजह से अमेरिकी डॉलर में आई तेजी ने सोने की कीमतों पर असर डाला है. डॉलर की तेजी को देखते हुए सोने के दिग्गज निवेशक यानी गोल्ड ETFs ने भी अपने रिजर्व से सोने की बिकवाली बढ़ाई है. बीते जुलाई के दौरान दुनियाभर के गोल्ड ETFs की कुल होल्डिंग 34 टन से ज्यादा घटी है. हालांकि इस दौरान भारतीय गोल्ड ETFs ने अपनी होल्डिंग बढ़ाई है.
दुनियाभर के गोल्ड ईटीएफ की होल्डिंग घटी
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई के दौरान दुनियाभर के Gold ETFs की कुल होल्डिंग घटकर 3,386.57 टन रह गई है जो करीब 39 महीने का निचला स्तर है. इससे पहले जून के दौरान Gold ETFs के पास 3421.01 टन सोने का रिजर्व था. हालांकि जुलाई के दौरान भारतीय Gold ETFs की होल्डिंग में 0.6 टन की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जुलाई में ICICI Prudential Gold iWIN ETF ने 0.4 टन सोने की खरीद की है, इनके अलावा निप्पन गोल्ड ETF ने 0.1 टन और SBI Gold ETF ने भी 0.1 टन सोने की खरीद की है.
भारत में कुल 12 गोल्ड ETFs काम करते हैं और जुलाई के दौरान उनकी कुल गोल्ड होल्डिंग बढ़कर 37.6 टन हो गई है जो जून में 37 टन थी. सभी भारतीय गोल्ड ETFs में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी निप्पॉन गोल्ड की है जिसके पास 13 टन से ज्यादा सोने की होल्डिंग है. इसके बाद HDFC Gold ETF, ICICI Prudential Gold iWIN ETF, SBI Gold ETF और Kotak Gold ETF का स्थान है. जुलाई में ही 0.4 टन सोना खरीदकर ICICI Prudential Gold iWIN ETF देश का तीसरा बड़ा गोल्ड ETF बना है, पहले SBI Gold ETF देश का तीसरा बड़ा Gold ETF था.