Sovereign Gold Bond Scheme: सोना खरीदने का आज से बेहतरीन मौका है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बारहवीं सीरीज आज से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रही है. गोल्ड बॉन्ड की ये (Sovereign Gold Bond Scheme) 12वीं सीरीज 1 मार्च से निवेश के लिए 5 मार्च तक खुली रहेगी. गोल्ड बॉन्ड सोने पर आधारित एक सरकारी सिक्योरिटी है. बॉन्ड पर ब्याज आय की वजह से गोल्ड बॉन्ड हर हाल में इसी अवधि में किए गए ठोस सोने में निवेश से बेहतर है.
हर ग्राम पर 50 रुपये की छूट गोल्ड बॉन्ड के लिए इस बार सरकार ने इश्यू प्राइस 4,662 रुपये प्रति ग्राम यानी 46,620 रुपये प्रति 10 ग्राम तय किया है. वहीं, अगर ऑनलाइन गोल्ड बॉन्ड खरीदते हैं, तो हर ग्राम पर 50 रुपये की छूट भी मिलेगी. ऑनलाइन इन्वेस्टर्स के लिए इश्यू प्राइस 4,612 रुपये प्रति ग्राम यानी 46,120 रुपये प्रति 10 ग्राम होगा.
गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए पैन होना जरूरी गोल्ड बॉन्ड को ऑनलाइन खरीद सकते हैं. एसजीबी के हर आवेदन के साथ निवेशक के पास PAN होना जरूरी है. इसके अलावा इसकी बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), चुनिंदा डाकघरों और एनएसई व बीएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी होगी. स्माल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक में इनकी बिक्री नहीं होती है.
अधिकतम 400 ग्राम बॉन्ड खरीद सकते हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 400 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है. वहीं HUFs एक वित्त वर्ष में 4 किलोग्राम तक निवेश कर सकेंगे, जबकि ट्रस्ट इसमें 20 किलोग्राम तक निवेश कर सकेंगे.
डिफॉल्ट का खतरा नहीं गोल्ड बॉन्ड मेच्योरिटी पर यह टैक्स फ्री होता है. वहीं इसमें एक्सपेंस रेश्यो कुछ भी नहीं है. भारत सरकार द्वारा समर्थित होने से डिफॉल्ट का खतरा नहीं होता है. यह HNIs के लिए भी बेहतर विकल्प है, जहां इसमें मेच्योरिटी तक होल्ड करने में कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होता है. इक्विटी पर 10 फीसदी कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. ऐसे में लंबी अवधि के निवेश विकल्पों में यह बेहतर साबित हो रहा है.
गोल्ड बॉन्ड को मैनेज करना आसान फिजिकल गोल्ड की बजाए गोल्ड बॉन्ड को मैनेज करना आसान और सुरक्षित होता है. इसमें शुद्धता का कोई झंझट नहीं होता और कीमतें सबसे शुद्ध सोने के आधार पर तय होती हैं. इसमें एग्जिट के आसान विकल्प हैं. गोल्ड बॉन्ड के अगेंस्ट लोन की सुविधा भी मिलती है.
बॉन्ड पर कितना ब्याज मिलता है बॉन्ड पर सालाना 2.5 प्रतिशत (फिक्स्ड दरें) का ब्याज मिलता है, जो निवेश की गई शुरुआती रकम पर ही मिलता है. ये ब्याज तिमाही के आधार पर निवेशकों के बैंक खाते में आता है. अंतिम ब्याज की किस्त मैच्योरिटी पर दी जाती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के लिए बैंक, चुनिंदा डाकघरों, बीएसई, एनएसई के जरिए आवेदन किया जा सकता है.
गोल्ड बॉन्ड से ऐसे निकाल सकेंगे रुपये बॉन्ड की मैच्योरिटी 8 साल की है, जिसके बाद पैसा आपके दिए गए खाते में आ जाएगा. बॉन्ड का लॉकइन पीरियड 5 साल है, यानि निवेशक चाहे तो 5 साल पूरे होने के बाद भी बॉन्ड से पैसा निकाल सकता है. अगर आप 5 साल से पहले बॉन्ड बेचना चाहते हैं तो आप स्टॉक मार्केट में इसकी बिक्री कर सकते हैं.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।