सोने की बढ़ती कीमतों को देखते हुए घरेलू उपभोक्ता पुरानी ज्वैलरी के बदले में नई ज्वैलरी की खरीदारी कर रहे हैं. गौरतलब है कि दुनियाभर में चीन के बाद सोने के दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता देश भारत में शादियों के सीजन में सोने की डिमांड बढ़ जाती है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड के सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता के मुताबिक मौजूदा समय में बहुत से उपभोक्ता अपने पुराने सोने को बदलकर नई ज्वैलरी की खरीद कर रहे हैं. उनका कहना है कि भाव ज्यादा होने की वजह से आने वाले महीनों में सोने के इंपोर्ट पर दबाव रह सकता है.
सुरेंद्र मेहता का कहना है कि उपभोक्ता शादियों के दौरान सिर्फ जरूरत के मुताबिक ही सोने की खरीद कर रहे हैं, अन्यथा काफी संख्या में लोग बाजार से दूर रह रहे हैं. सोमवार को घरेलू बाजार में सोने का भाव नई ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया था. वहीं अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के द्वारा अगले साल ब्याज दरों में कटौती के अटकलों की वजह से अक्टूबर की शुरुआत से अभी तक सोने का भाव 10 फीसद से ज्यादा बढ़ चुका है.
रुपए में कमजोरी की वजह से घरेलू बाजार में सोना और महंगा हो गया है. गौरतलब है कि भारत में बड़े पैमाने पर सोने का आयात होता है. जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में शादियों का सीजन है और इस समय शादियों के लिए ही सोने की खरीदारी हो रही है. मौजूदा समय में घरेलू बाजार में सोने का भाव 60 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के आस-पास चल रहा है. कुछ उपभोक्ता अपनी पुरानी ज्वैलरी को नई ज्वैलरी में बदलकर अपनी खरीदारी को एडजस्ट कर रहे हैं.
बता दें कि भारत में शादियों के दौरान सोना पहनना और उपहार देना शुभ माना जाता है. नवंबर से फरवरी के बीच शादियों का सीजन होने से भारी मात्रा में सोने की खरीद होती है. जुलाई-सितंबर तिमाही में देश में 220 टन सोने का इंपोर्ट दर्ज किया गया था, जो कि एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 19 फीसद ज्यादा है.