पैसों की सुरक्षा के लिहाज से गोल्ड हमेशा से ही निवेश का एक सुरक्षित साधन रहा है. हालांकि, पिछले एक साल में स्टॉक मार्केट्स में जबरदस्त तेजी आई है और सेंसेक्स अप्रैल 2020 के 27,600 के लेवल से उछलकर फरवरी 2021 में 52,000 के लेवल पर पहुंच गया है. लेकिन, गोल्ड (gold) भी इसमें पीछे नहीं रहा है. अप्रैल 2020 में गोल्ड 42,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था जो कि अगस्त में 58,360 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. दूसरे शब्दों में, गोल्ड (gold) ने महज 5 महीनों में ही तकरीबन 38 फीसदी का उछाल दर्ज किया.
क्या कहता है कानून? लेकिन, अगर आप सोना (gold) खरीदने की सोच रहे हैं तो ये जान लीजिए कि आपको कितना सोना (gold) अपने पास रखने की इजाजत है. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 132 के मुताबिक, अधिकारियों को यह ताकत है कि वे तलाशी के दौरान मिली ज्वैलरी, बुलियन या अन्य कीमती धातुओं को जब्त कर सकते हैं. कानून में यह भी जिक्र है क कोई शख्स अपने पास कितना गोल्ड (gold) रख सकता है. एक शादीशुदा महिला अधिकतम 500 ग्राम सोना (gold) रख सकती है. जबकि अविवाहित महिला अपने पास अधिकतम 250 ग्राम सोना (gold) रख सकती है. पुरुष के पास 100 ग्राम से ज्यादा सोना नहीं होना चाहिए.
ज्वैलरी के लिए कोई सीमा नहीं
हालांकि, इसकी दो शर्तें हैं. पहली, ये शख्स ऐसा हो जो कि आईटी रिटर्न फाइल नहीं करता हो. दूसरा, यह सोना (gold) ज्वैलरी के रूप में नहीं हो. या दूसरे शब्दों में कहें तो यह सिक्के या बार की शक्ल में हो. कानून कहता है कि ज्वैलरी के रूप में सोना (gold) रखने की कोई सीमा नहीं है, लेकिन आपको इसे खरीदने के लिए पैसों का जरिया बताना होगा. अगर आपको ज्वैलरी विरासत में मिली है तो आपको इसकी वसीयत दिखानी होगी. दिसंबर 2016 को सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने कहा था कि अगर निवेश का स्रोत या विरासत के सबूत दिए जाते हैं तो गोल्ड ज्वैलरी रखने पर कोई सीमा नहीं है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? टैक्स कंसल्टेंट नारायण जैन कहते हैं, “गोल्ड (gold) रखने की ये सीमा मूलरूप में आईटी रिटर्न न फाइल करने वालों के लिए है. इस सीमा के बाहर गोल्ड (gold) रखने की इजाजत है, लेकिन इसकी कुछ शर्तें हैं. अगर आप वसीयत के रूप में मिले सोने को साबित नहीं कर पाए तो आईटी अधिकारी आपके गोल्ड को जब्त कर सकते हैं. उपहार स्वरूप मिले सोने को भी लिखित में पारिवारिक समझौतों के जरिए बताना होता है.” 2019 से यह अनिवार्य कर दिया गया है कि अगर आप 50,000 रुपये से ज्यादा के गोल्ड (gold) की खरीदारी करते हैं तो आपको आपना पैन देना पड़ेगा. वकील सलाह देते हैं कि गोल्ड (gold) की खरीदारी की सभी रसीदें, चाहे वह ज्वैलरी हो या फिर निवेश के मकसद से खरीदा गया हो, संभालकर रखनी चाहिए क्योंकि भविष्य में इनकी जरूरत पड़ सकती है.
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