IIFL फाइनेंस के गोल्ड लोन कारोबार में चल रहे ऑडिट के बीच RBI गोल्ड लोन के नियमों की समीक्षा कर रहा है. यह समीक्षा लोन टू वैल्यू, नकद बांटने की सीमा, सोनी की जांच और निलामी से जुड़ी हैं. इन सभी पहलुओं पर विस्तार में एक सर्कुलर जारी किया जा सकता है.
बिना लिखी प्रथाएं जारी
हिंदू बिजनेस लाइन ने गोल्ड लोन NBFC के CEO के हवाले से कहा है कि IIFL फाइनेंस के गोल्ड लोन कारोबार पर प्रतिबंध से यह बात सामने आई है कि गोल्ड लोन कारोबार में कई ऐसी प्रथाएं चलती हैं जिनका जिक्र लिखित तौर पर कहीं नहीं है. ऐसी प्रथाओं को रोकने के लिए उद्योग स्तर पर सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है.
गाइडलाइन्स की जरूरत
नियामक ने कई गोल्ड लोन कंपनियों से सुधारात्मक उपाय करने के लिए संपर्क किया है. हालांकि RBI ने पाया कि इंडस्ट्री लेवल पर सुधार लाने के लिए साफ गाइडलाइन्स जारी करनी होंगी. अन्य NBFC के एक सीईओ के हवाले से हिंदू बिजनेस लाइन ने कहा कि सर्कुलर अब तक चली आ रही प्रथाओं में चिंताओं या खामियों के बारे में बात करेगा. हालांकि RBI ने अभी इस मामले पर टिप्पणी नहीं की है.
नकद कर्ज न दें संस्थाएं
RBI को उम्मीद है कि कोई भी कर्ज बांटने वाली संस्था (बैंक या गैर-बैंक) गोल्ड लोन के बदले नकद में भुगतान नहीं करेंगे. इससे NBFC बैंकों के साथ गठजोड़ करेंगें ताकि बैंक खातों के जरिए कर्ज की राशि निकाली जा सके. इनकम टैक्स एक्ट बैंक के तहत बैंक सिर्फ 20 हजार रुपए तक की कर्ज राशि को ही नकद के तौर पर दे सकते हैं. हालांकि बैंकिंग नियमों के अनुसार ऐसा कोई नियम नहीं है. चूंकि गोल्ड लोन अक्सर इमरजेंसी के वक्त लिया जाता है इसलिए इंडस्ट्री में कैश के तौर पर कर्ज देने की प्रथा काफी समय से चल रही है.
सोने के मूल्यांकन के तरीके में अंतर
दूसरे, सोने के मूल्यांकन के तरीके में अंतर है. इस वजह से लोन टू वैल्यू यानी कितने ग्राम सोने के बदले कितना कर्ज दिया जाएगा, इस पर भी प्रभाव पड़ सकता है. उदाहरण के लिए उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सोने की कीमत में काफी अंतर है. RBI चाहता है कि सोने के स्टॉक का मूल्यांकन बॉम्बे बुलियन रेट्स (BBR) के मासिक औसत के आधार पर किया जाए.
सोने का मूल्यांकन बड़ी समस्या
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि BBR राज्यों में स्थानीय दरों से बहुत अलग है. दरों को एक समान करने की कोशिश के चलते कर्ज का उचित मूल्यांकन नहीं हो सकता है.” दक्षिण की कई NBFC ने नियामक के सामने इस मामले को उठाया है. ऐसे में सोने का मूल्यांकन एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है.