भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना SGB 2016-II के लिए रिडेम्पशन डेट और कीमत की घोषणा की है. केंद्रीय बैंक ने 22 मार्च, 2024 को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें उसने कहा कि रिडेम्पशन डेट 28 मार्च, 2024 (गुरुवार) निर्धारित की गई है. SGB 2016 सीरीज II किश्त 29 मार्च 2016 को जारी की गई थी.
केंद्रीय बैंक ने घोषणा की है कि रिडेम्पशन प्राइस 6,601 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2016-II को 2,916 रुपये प्रति ग्राम के शुरुआती इशू प्राइस पर पेश किया गया था. इसका मतलब है कि मैच्योरिटी पर निवेशकों को लगभग 126 फीसद का लाभ मिलेगा.
RBI करता है जारी
SGB की पहली किस्त नवंबर 2015 में जारी की गई थी. यह सरकारी प्रतिभूतियां हैं. इन्हें भौतिक सोने के विकल्प के रूप में पेश किया गया था. निवेशकों को इश्यू प्राइस नकद में चुकाना होगा और मैच्योरिटी पर बॉन्ड नकद में भुनाए जाएंगे. बॉन्ड भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक जारी करता जाता है.
कैसे मिलता है ब्याज?
SGB पर ब्याज अर्ध-वार्षिक रूप से निवेशक के बैंक खाते में जमा किया जाता है. मैच्योरिटी पर मूलधन के साथ अंतिम ब्याज भुगतान देय होता है. सदस्यता लेने पर, निवेशकों को होल्डिंग प्रमाणपत्र दिया जाता है. इन बॉन्ड्स को डीमैट फॉर्म में बदला जा सकता है.
रजिस्टर्ड बैंक खातें में जमा की जाती है राशि
बॉन्ड की मैच्योरिटी से पहले निवेशकों को एक महीने का नोटिस दिया किया जाता है. मैच्योरिटी की तारीख पर, आय (निवेशित धन + ब्याज) रजिस्टर्ड बैंक खाते में जमा की जाती है. निवेशकों के खाते में किसी भी बदलाव को बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसएचसीआईएल) या डाकघर में अपडेट करना होगा.
नहीं देना होगा टैक्स
ज्यादातर मामलों में, SGB भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से भारत सरकार से भुनाया जा सकता है. बॉन्ड को न भुनाने का विकल्प चुनने का मतलब है कि निवेशक उन पर स्वामित्व बनाए रखेंगे. SGB पर ब्याज पर आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) की शर्तों के मुताबिक टैक्स लगाया जाएगा. आठवें वर्ष में मैच्योरिटी तक SGB रखने से निवेशकों को कैपिटल गेन टैक्स पर पूरी तरह से छूट मिलती है.