सोने की कीमतें नई ऊंचाई छू रही हैं. ऐसे में अगर आप अक्षय तृतीया पर सोने के गहने खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो कुछ बातों का जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. जैसे- ज्वैलर्स सोने के गहनों की कीमत कैसे तय करते हैं, अगर गहने नग वाले हो तो क्या सोने की ज्वेलरी की कीमतों में अंतर होता है अैर मेकिंग चार्ज का कितना फर्क पड़ता है आदि.
कैसे होती है सोने के गहनों की गणना?
सोने की कीमतें अलग-अलग ज्वैलर्स के आधार पर होती हैं क्योंकि जिस कीमत पर उन्होंने सोना खरीदा है उसके हिसाब से शोधन की लागत, परिवहन की लागत आदि शामिल करते हैं. आमतौर पर सोने के आभूषणों की अंतिम कीमत की गणना करने के लिए ज्वैलर्स जिस फॉर्मुले का उपयोग करते हैं वो इस प्रकार है – आभूषण की अंतिम कीमत = {सोने की कीमत X (ग्राम में वजन)} + मेकिंग चार्ज + 3% जीएसटी + हॉलमार्किंग शुल्क. सोने की कीमत आपकी ओर से खरीदे गए कैरेट (KT) पर निर्भर करेगी. यह 24KT, 22KT, 18KT, 14KT आदि हो सकता है. इनमें से प्रत्येक की कीमत अलग-अलग होगी. सोना जितना शुद्ध होगा, कीमत उतनी ही ज्यादा होगी.
कितना लगता है मेकिंग चार्ज?
ज्वैलर्स गोल्ड ज्वेलरी पर मेकिंग चार्ज भी लगाते हैं. आमतौर पर, इनकी गणना या तो प्रति-ग्राम के आधार पर या प्रतिशत के आधार पर की जाती है. कुछ ज्वैलर्स दोनों के मिश्रण का उपयोग करते हैं. वे प्रचलित सोने की कीमत का 1% उपयोग करते हैं और फिर प्रति ग्राम के आधार पर शुल्क लेते हैं. उदाहरण के लिए अगर 22 कैरेट सोने की कीमत 68,000 रुपए प्रति 10 ग्राम है, तो मेकिंग चार्ज मौजूदा सोने की कीमत का 1% प्रति ग्राम होगा. यानी यह 680 रुपए प्रति ग्राम के बराबर होगा. अगर आप 10 ग्राम की सोने की चेन खरीदते हैं तो मेकिंग चार्ज 6,800 रुपए (680 रुपए प्रति ग्राम X 10 ग्राम सोने की चेन) होगा.
कितना लगता है जीएसटी?
सोने के आभूषणों की कुल कीमत (मेकिंग चार्ज सहित) पर जीएसटी भी लगाया जाता है. उदाहरण के लिए – अगर एक जौहरी ने 22 कैरेट सोने की कीमत 65,000 रुपए और 18 कैरेट सोने की कीमत 56,000 रुपए बताई है. दोनों कीमतें प्रति 10 ग्राम की हैं. एक खरीदार 11 ग्राम की 22 कैरेट सोने की चेन और 3.5 ग्राम वजन वाली 18KT सोने की हीरे की अंगूठी खरीदता है तो मेकिंग चार्ज 500 रुपए प्रति ग्राम है.
नग वाली ज्वेलरी की कैसे होती है गणना?
अगर कोई सोने के गहनों में हीरे या रत्न जड़े हुए लेता है तो लागत की गणना करने के लिए सोने और हीरे/रत्न को अलग-अलग तौलना चाहिए. हालांकि कुछ ज्वैलर्स इसे एक साथ ही तौल देते हैं जिससे बाद में गहने बेचने पर ग्राहक को सही मूल्य नहीं मिल पाता है. क्योंकि सोने का वजन निकालने के लिए आभूषण के कुल वजन में से पत्थर का वजन घटाया जाएगा.
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