पिछले साल यानी 2023 में भारत के गोल्ड इंपोर्ट में 20 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल यानी WGC की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में भारत ने 780.7 टन गोल्ड का इंपोर्ट किया था, जबकि 2022 में भारत का गोल्ड इंपोर्ट 650.7 टन था. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की चौथी तिमाही में भारत ने 217.7 टन गोल्ड इंपोर्ट किया था, जो कि 2021 की तीसरी तिमाही के बाद का उच्चतम स्तर है. 2021 की तीसरी तिमाही में भारत ने 270.7 टन गोल्ड का इंपोर्ट किया था.
भारत में सोने की मांग 3 फीसद घटी
भारत में सोने की मांग 2023 में सालाना आधार पर तीन प्रतिशत की गिरावट के साथ 747.5 टन रही है. विश्व स्वर्ण परिषद की ‘सोने की मांग का रुझान’ रिपोर्ट-2023 के अनुसार 2022 में देश की कुल सोने की मांग 774.1 टन थी, जो 2023 में 747.5 टन पर आ गई. डब्ल्यूजीसी के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत) सोमसुंदरम पी.आर. ने कहा कि भारत की 2023 में सोने की मांग तीन प्रतिशत घटकर 747.5 टन रह गई. सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से इसकी मांग प्रभावित हुई है. अक्टूबर में नवरात्रि के दौरान सोने की कीमतों में ‘करेक्शन’ की वजह से उपभोक्ताओं ने अधिक खरीदारी की. इससे नवंबर में दिवाली के समय सोने की बिक्री तेज रही.
उन्होंने कहा कि हालांकि, दिसंबर में मांग में गिरावट आई क्योंकि सोने की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी का रुख शुरू हो गया है. इसके चलते 2022 की समान अवधि की तुलना में चौथी तिमाही में आभूषणों की मांग में नौ प्रतिशत की गिरावट आई. वर्ष 2023 में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव रहा है. चार मई को घरेलू बाजार में सोने की कीमत 61,845 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर पहुंच गईं थी. वैश्विक बाजारों में यह 2,083 डॉलर प्रति औंस पर पहुंची. यह प्रवृत्ति जारी रही और 16 नवंबर को सोने की कीमत 61,914 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई.
उन्होंने कहा कि 2024 की बात करें तो भारत की सोने की मांग को मौजूदा सकारात्मक आर्थिक स्थितियों से फायदा होना चाहिए. अगर कीमतें ज्यादा अस्थिर नहीं रहीं तो मांग में बड़ा उछाल आने की संभावना है, जो 800-900 टन के बीच कहीं भी हो सकता है.