केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कोरोना के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 की रद्द हुई दसवीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए नई अंक निर्धारण नीति घोषित की है. सीबीएसई (CBSE) की शनिवार को घोषित नई अंक नीति के तहत 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रत्येक विषय में 100 में से 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन और 80 अंक सत्र के दौरान आयोजित परीक्षाओं और टेस्ट के आधार पर दिये जाएंगे. इन विद्यार्थियों का मूल्यांकन उनके स्कूलों द्वारा किया जाएगा. बोर्ड ने स्कूलों से कहा है कि 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के अंक स्कूल की पिछली परीक्षा के अनुरूप होने चाहिए.
इसके अलावा बोर्ड ने स्कूलों को परिणाम तैयार करने के लिए 8 सदस्यीय समिति बनाने को कहा है. इसमें स्कूल प्रिंसिपल के अलावा सात शिक्षक होंगे. यह समिति परिणाम को अंतिम रूप देगी.
सीबीएसई (CBSE) परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने यह भी निर्देश दिया है कि स्कूलों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा 10वी की बोर्ड परीक्षाओं में दिए गए अंक स्कूल में स्टूडेंट के पिछले प्रदर्शन के अनुरूप हों. जानकारी के लिए बता दें कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में 10वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया गया था.
निर्धारित शेड्यूल के हिसाब से 4 मई 2021 से परीक्षाएं शुरू होनी थीं लेकिन अब 10वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. सरकार के मुताबिक, 10वीं के छात्रों को अब बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा. हालांकि इस फैसले के बाद अब छात्रों और अभिभावकों के मन मे कई तरह के सवाल उठ रहे थे. अब रद्द हुई दसवीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए नई अंक निर्धारण नीति घोषित की है. सीबीएसई की शनिवार को घोषित नई अंक नीति के तहत 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रत्येक विषय में 100 में से 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन और 80 अंक सत्र के दौरान आयोजित परीक्षाओं और टेस्ट के आधार पर दिये जाएंगे.
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