बढ़ते कोरोना मामलों के साथ ही भारत में साइब क्राइम को लेकर भी चिंता कोरोना भारत की आर्थिक खुफिया इकाई (FIU-India) के प्रमुख ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण हुई ”उथल-पुथल” नए तरह के इलेक्ट्रोनिक तथा साइबर अपराधों (Cyber Crime) को जन्म दे सकती है. संघीय संगठन एफआईयू (FIU) ने पिछले साल उच्च जोखिम या महत्वपूर्ण संदिग्ध लेन-देन से निपटने के लिये विशेष इकाई का गठन किया था. एफआईयू-भारत के निदेशक पंकज कुमार मिश्रा ने हाल ही में जारी एजेंसी की (2019-20) की वार्षिक रिपोर्ट में लिखा है, ”वित्त वर्ष 2019-20 कोविड-19 के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये अधिक चुनौतीपूर्ण साल रहा.”
उन्होंने कहा, ”कोविड-19 महामारी से उत्पन्न उथल-पुथल इलेक्ट्रोनिक धोखाधड़ी तथा साइबर अपराधों (Cyber Crime) को ”जन्म’’ दे सकती है.”
एफआईयू (FIU) विशेष रूप से धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के बारे सूचना एकत्रीकरण, विश्लेषण और प्रसार के लिये देश के वित्तीय क्षेत्र और कानून कार्यान्वयन एजेंसियों के बीच कड़ी के रूप में काम करती है.
एफआईयू प्रमुख (FIU Chief) ने कहा कि बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों की तरह जानकारी एकत्रित करने वाली संस्थाओं को भी ”महामारी के दौरान उभर रहे नए तरीकों और रुझानों की पहचान करने के लिए अपने सिस्टम को और मजबूत करना चाहिए.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि एफआईयू को 2018-19 में संदिग्ध लेन-देन की 3.23 लाख से अधिक खबरें मिली थीं. 2019-20 के दौरान ऐसी करीब 5.47 लाख खबरें मिलीं.