Digital Signature: डिजिटल सिग्नेचर के बारे में आज भी अधिक लोग नहीं जानते हैं. जैसे हम किसी डॉक्यूमेंट के पेपर ऑथेंटिकेशन के लिए अपने सिग्नेचर करते हैं.
उसी तरह डिजिटल डॉक्यूमेंट के ऑथेंटिकेशन के लिए हम डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग करते हैं. डिजिटल सिग्नेचर डिजिटल (Digital Signature) डॉक्यूमेंट के लिए जरूरी हो गया है, जिसे क़ानूनी रूप से लीगल माना जाता है.
बैंक चेक, किसी सरकारी दस्तावेज पर हमारी सहमति मांगी जाती है वहां पर हम हमारी सहमति देने के लिए सिग्नेचर का प्रयोग करते हैं, लेकिन यह व्यवस्था कहीं न कहीं असुरक्षित रहती है.
जबकि डिजिटल सिग्नेचर को कोई भी कॉपी नहीं कर सकता है, क्योंकि इसमें आपको प्राइवेसी डिजिटल सिग्नेचर KEY और पिन मिलता है.
जब तक आपके पास यह पिन है, तब तक आपका डिजिटल सिग्नेचर सुरक्षित रहता है. जब आपको प्राइवेसी की जनरेट किया जाता है, तब इसको कंप्लेंट क्रिप्टोग्राफिक में सुरक्षित रख दिया जाता है.
डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट को आयकर विभाग की वेबसाइट पर रजिस्टर करना होता है. डिजिटल सिग्नेचर को इस तरह रजिस्टर किया जा सकता है.
इसके लिए सबसे पहले www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं और रजिस्टर्ड पैन तथा पासवर्ड से लॉगइन कीजिए. लॉग-इन करने के बाद मेन मीनू से प्रोफाइल सेटिंग्स में जाइए और फिर रजिस्टर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट पर क्लिक कीजिए.
लैंडिंग पेज पर दिए गए लिंक से डीएससी मैनेजमेंट यूटीलिटी को डाउनलोड कीजिए. जिप फोल्डर से अलग करके डीएससी मैनेजमेंट यूटीलिटी को ओपन कीजिए.
डीएससी मैनेजमेंट यूटीलिटी में डिजिटल सिग्नेटर का इस्तेमाल करते हुए दूसरे टैब ‘रजिस्टर/रिसेट पासवर्ड’ में जाइए. कम्प्यूटर/लैपटॉप के यूएसबी पोर्ट में डीएससी यूएसबी टोकन लगाइए.
ई-फाइलिंग में पंजीकृत यूजर आईडी और पैन नंबर एंटर कीजिए. डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट के प्रकार को चुनिए और सिग्नेचर फाइल जनरेट कीजिए. ई-फाइलिंग पोर्टल में दोबारा जाइए और रजिस्टर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट के पेज पर स्टेप 7 में जनरेट की गई सिग्नेचर फाइल अटैच कीजिए.
अब इसे सब्मिट कर दीजिए. डीएससी का रजिस्ट्रेशन होने पर एक कन्फर्मेशन ईमेल आपके पंजीकृत ईमेल आईडी पर भेजी जाएगी.
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