दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के फ्यूचर को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. लगातार रिकॉर्ड बनाते बिटकॉइन पर अविश्वसनीय तेजी से सब चकित हैं. कई बार एक्सपर्ट आशंका जता चुके हैं कि जिस दिन ये बुलबुला फुटेगा, सब कुछ तबाह हो जाएगा. वहीं, भारत में इसके भविष्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) का रुख साफ है कि ऐसी किसी भी करेंसी को मंजूरी नहीं दी जा सकती जिसे रेगुलेट नहीं किया जा सके. वहीं, वित्त मंत्री ने एक प्रोग्राम में कहा था कि सरकार ने अभी सारे विकल्प बंद नहीं किए हैं. तो क्या होगा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य…
वैध नहीं रहेगी क्रिप्टोकरेंसी सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को ट्रेडिंग और माइनिंग पर प्रतिबंध लगा सकती है. वहीं, इसकी होल्डिंग को भी बैन (Cryptocurrency Ban in India) करने की तैयारी है. इसके लिए सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी की होल्डिंग, ट्रेडिंग और माइनिंग पर जुर्माना लगाएगी. क्रिप्टो रखने वालों से टैक्स भी वसूला जा सकता है. यही नहीं, इसमें जेल भी हो सकती है.
दरअसल, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन (Cryptocurrency Ban) करने के लिए जो कानून बना रही है, उसमें इसकी ट्रेडिंग, माइनिंग और होल्डिंग को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. अगर क्रिप्टो को बैन करना वाला कानून डिजिटल करेंसी बिल, 2021 संसद से पास होता है तो भारत कानूनन क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने वाला पहला देश होगा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? साल 2019 में सरकार की एक समिति ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की ट्रेडिंग, होल्डिंग, माइनिंग या किसी को ट्रांसफर करने वालों को 10 साल जेल की सजा देने की सिफारिश की थी. हालांकि, प्राइवेट डिजिटल करेंसी को बैन करने वाले मौजूदा बिल में सजा का प्रावधान है या नहीं यह स्पष्ट नहीं है. फिलहाल बिल अंतिम चरण में है.
पूर्व वित्त सचिव और समिति के हेड रहे सुभाष चंद्र गर्ग ने Money9 को बताया कि हमारी समिति ने क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की सिफारिश दी थी. करेंसी के तौर पर इसके इस्तेमाल पर रोक होनी चाहिए. लेकिन, एसेट के तौर पर इसे रखा जा सकता है. टेक्नोलॉजी के जरिए यूटिलिटी के तौर पर इसका इस्तेमाल भी किया जा सकता है.
WazirX के को-फाउंडर निश्चल शेट्टी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी को लॉन्च करने का अधिकार सिर्फ सरकार के पास होना चाहिए. प्राइवेट प्लेयर्स को क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने या जारी करने की मंजूरी देना कतई सही नहीं है. अगर सरकार इस दिशा में कोई काम कर रही है तो इसे पॉजिटिवली देखना चाहिए.
निवेशकों का क्या होगा? सूत्रों की मानें तो क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill 2021) में यह प्रावधान किया गया है कि भारतीय कंपनियां और पब्लिक इस तरह की किसी भी डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को अपनी एसेट के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. हालांकि, मौजूदा निवेशकों को बिटकॉइन या दूसरी डिजिटल करेंसी से निकलने का मौका मिल सकता है. इस पर अंतिम फैसला सरकार का होगा. यही नहीं, अगर कोई निवेशक अपनी क्रिप्टो एसेट को लीगल बनाने चाहता है, मतलब उसका पैसा निकालना चाहता है तो उसे सरकार को भारी पेनाल्टी चुकानी होगी.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अभी क्रिप्टो बिल अपने अंतिम चरण में है. जुर्माना कितना होगा, निकलने के लिए कितना समय मिलेगा यह अभी कुछ साफ नहीं है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि डिजिटल करेंसी का मकसद स्वदेशी क्रिप्टोकरेंसी के लिए रास्ता तैयार करना है. केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने हाल ही में कहा था कि केंद्र सरकार खुले मन से नई टेक्नोलॉजी को एक्सप्लोर करने के साथ उनका मूल्यांकन कर रही है. इस नई टेक्नोलॉजी में क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल है. ब्लॉकचेन नई उभरती हुई तकनीक है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगने की खबरें ऐसे समय में आ रही है जब बिटकॉइन की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर पर हैं.
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